कई सदियों से उत्तराखंड के सुदूर पहाड़ों और अत्यधिक कठिन परिस्थितियों और हिमालय के प्रेम और गुस्से के बीच कुछ लोग अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं. हिमालय के इतने नजदीक इतनी दुरूह परिस्थितियों में रहते हुए भी इस समाज के लोगों में अपनी संस्कृति, बोली और भूमि के लिए अगाध प्रेम है.
(Photos of AGM 2022)
इसके अलावा इन घाटियों में आने वाले लोगों और अतिथियों के लिए अपनत्व और आदर सत्कार की जो भावना है वो शायद बहुत कम जगह ही देखने को मिलती है. ये लोग हैं ‘रं’, रं समाज के लोग जो पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालयी घाटियों में निवास करते हैं और जिनके पूर्वज कई पीढ़ियों से हिमालयवासी रहे हैं.
दारमा, व्यास, चौदांस, रालम और मित्र राष्ट्र नेपाल के गांवों के ‘रं’ लोग प्राचीन काल से तिब्बत के साथ व्यापार करते आ रहे थे परंतु भारत चीन युद्ध के बाद व्यापार बहुत कम हो गया और बहुत लोगों को रोज़गार के लिए अपनी घाटियों से नीचे के क्षेत्रों में आना पड़ा पर इस सबके बावजूद इनका अपनी मातृभूमि और संस्कृति से इनका जुड़ाव कम नहीं हुआ है.
(Photos of AGM 2022)
आज भी रं समाज अपनी जड़ों को और मजबूत करने के लिए प्रयासरत है और अपनी संस्कृति और बोली को दिल से जीता है. 16-17 अक्टूबर 2022 को हल्द्वानी में रं समाज की वार्षिक मीटिंग ए.जी.एम. की तस्वीरें-
(सभी तस्वीरें काफल ट्री के अनन्य साथी जयमित्र सिंह बिष्ट द्वारा ली गयी है)
जयमित्र सिंह बिष्ट
अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.
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