आज हम फाइनेंशल ग्रोथ की बात करेंगे, पैसे की बात करेंगे कि कैसे पैसा कमाया जाए और ढेर सारा कमाया जाए. लेकिन पहले मैं एक शेर आप लोगों की नजर कर रहा हूं – अब तक हमारी उम्र का बचपन नहीं गया/ अब तक हमारी उम्र का बचपन नहीं गया/ घर से चले तो जेब के पैसे गिरा दिए – दोस्तों ये नश्तर खानकाही जी का शेर है. ये शेर मैंने इसलिए सुनाया क्योंकि मुझे लगता है कि आप लोगों के साथ भी ऐसा ही हो रहा है. उम्र बढ़ गई है लेकिन जेब से पैसे गिरते जा रहे हैं. जेब में टिक ही नहीं पाते. अगर ऐसा है और आप चाहते हैं कि आपकी जिंदगी से पैसा जाए कम और आए ज्यादा तो यह लेख/विडियो आपके लिए ही है.
मैं पैसों को लेकर जिस बात को लगभग आधी उम्र गुजार देने के बाद समझा, मैं चाहता हूं कि उसे आप पहले ही समझ लें ताकि जिंदगी में पैसों का भरपूर आनंद लेते हुए उसे जी सकें. आप अगर पूछेंगे कि क्या पैसों से ही जीवन को खुशियों भरा बनाया जा सकता है, तो मैं तुरंत जवाब दूंगा पैसा खुशियां तो नहीं खरीद सकता पर आपके दिमाग से एंजाइटी जरूर दूर भगा सकता है और एंजाइटी के अभाव में ही आप खुश हो सकते हैं. आज हम पैसों को लेकर अपने सोचने के उस ढंग पर बात करेंगे, जो हममें काबिलियत होने के बावजूद हमें ज्यादा पैसे नहीं कमाने देता. भारतीय समाज में पैसों को लेकर हमारी सोच बहुत गहरी और हमारे cultural beliefs और values के साथ आपस में गुंथी हुई है. इसीलिए कई बार हमें अहसास नहीं हो पाता, पर हमारे सोचने का यही तरीका हमारे हक और हिस्से का पैसा हम तक नहीं पहुंचने देता.
आज मैं आपकी सोच में फंसी इन रुकावटों को दूर करने वाला हूं. हैरान न हों अगर विडियो के अंत तक पहुंचते-पहुंचते आप खुद को बहुत हल्का महसूस करने लगें. क्योंकि मैं पैसों को लेकर आपके सिर से बहुत सारा बोझ और बहुत से blockages हटाने वाला हूं. तो चलिए मेरे साथ financial abundance की राह पर और जानिए कि आपने पैसों को लेकर अपने सोच के ढंग में क्या-क्या बदलाव करने हैं. लेकिन इस यात्रा पर निकलने से पहले मैं आपको financial growth की 7 stages के बारे में बताना चाहता हूं ताकि आप जान सकें कि अभी आप किस स्टेज पर हैं और कैसे आने वाले सालों में आप अपनी मौजूदा स्टेज से बाहर निकलकर ऊपर की stages की ओर जाना शुरू करते हैं.
7 stages of financial growth
Fist stage – Dependent
आप dependent तब होते हैं जबकि आप कुछ नहीं कमा रहे होते या जितना आपका खर्च है उससे कम कमा रहे होते हैं. जैसे आप अभी अगर स्टूडेंट हैं तो अपने खर्चों के लिए अपने माता-पिता या किसी दूसरे पर dependent हो सकते हैं. जैसे पैसा न कमाने वाले parents पैसा कमाने वाले बच्चों पर dependent होते हैं या कोई बिजनेसमैन लोन पर dependent होता है.
Second stage – Solvent
इस स्टेज में आपके खर्चे आपकी आमदनी के बराबर ही होते हैं. आप अपने खर्चों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहते. अपने सभी बिलों का भुगतान खुद ही कर देते हो. लेकिन इस स्टेज में आपका इनवेस्टमेंट जरूर जीरो होता है क्योंकि पैसा बचता ही नहीं. ये समझ लें कि जरूरी नहीं कि कम पैसा कमाने वाला ही इस स्टेज में रहे. अगर आप साल भर में तीन लाख रुपया कमाते हैं और उतना ही खर्च कर देते हैं, तो आप इस solvent स्टेज में माने जरएंगे लेकिन कोई अगर साल का एक करोड़ रुपया कमा कर एक करोड़ खर्च भी कर देता है, तो उसे भी इसी स्टेज में गिना जाएगा.
Third stage – Stable
इस स्टेज में पहुंचकर आपकी सेविंग शुरू होती है यानी अब आप अपने खर्च से ज्यादा कमाना शुरू कर देते हो. हालांकि अभी यह जो सेविंग है यह ज्यादा नहीं होती लेकिन अपने खर्च के बिलों का भुगतान करने के बाद भी आपकी आमदनी से थोड़ा पैसा बच जरूर जाता है जिसकी FD, RD करते हो या SIP करने लगते हो.
Fourth Stage – Security
अब आपकी आमदनी सही में बढ़नी शुरू हो जाती है. अब आपके पास सेविंग के रूप में ठीकठाक पैसा बचने लगता है. इस स्टेज में आप अपने पैसे से पैसा कमाने का खेल शुरू कर सकते हो. आप अब compound interest के जादू का कमाल देख सकते हो. इस स्टेज तक रहने वाले लोग ही मिडल क्लास में गिने जाते हैं.
Fifth Stage – Independence
इस स्टेज में आते-आते आप अपने आप अपने इन्वेस्टमेंट पर solid long-term returns लेने लगते हो. आपके इन्वेस्टमेंट पर जितना रिटर्न मिलता है, उतने से ही आपका अपनी लाइफस्टाइल और रोजमर्रा की जिंदगी का खर्च निकल जाना चाहिए. चूंकि आपको इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न मिलने लगता है इसलिए आपकी इनकम के सोर्स डबल हो जाते हैं. पहला आपकी सैलरी या बिजनेस और दूसरा return on investment.
Sixth Stage – Freedom
इस स्टेज में आकर आप इनकम को लेकर चिंता करना बंद कर देते हो. यह freedom की स्टेज है. अब आप अपना मनचाहा काम करने से पहले पैसों के बारे में नहीं सोचते. जो चाहते हो वह करते हो क्योंकि आपके पास इफरात में पैसा आ जाता है. आपकी 3-4 स्रोतों से इनकम आ रही होती है. दो साल के जीवन के खर्च से ज्यादा आपके पास पैसा रहता है हमेशा. आप यहां पहुंचकर इनकम को टाइम और जगह से अलग कर देते हो. यानी अब आपको पैसा कमाने के लिए डॉक्टरों की तरह किसी खास समय में खास जगह पर नहीं पहुंचना होता. डॉक्टर ऐसे ही तो कमाते हैं न. हर दिन 3-4 क्लीनिक अलग-अलग समय पर. आप इस तरह पैसा कमाने से मुक्त हो जाते हैं.
Seventh and final Stage – Abundance
अब आपके पास 500 million dollars यानी 40 करोड़ रुपये तक का बैंक बैलेंस रहने लगता है. आप money success ladder के टॉप पर पहुंच जाते हो. यह वह समय होता है जब पैसा आपके दिमाग में नहीं रहता. आपको 7-8 sources से income मिल रही होती है. आपके पास इतना पैसा होता है कि आप ही नहीं आपकी सात पुश्तें भी आराम से बैठकर खा सकती हैं.
दोस्तों अब आप खुद जान गए होंगे कि आप financial growth की इनमें से कौन सी स्टेज पर हो. जाहिर है आप पहली चार stages में से ही किसी स्टेज पर होगे. लेकिन अब आप उस स्टेज से निकलकर अगली स्टेज में जाने की तैयारी शुरू करें क्योंकि मैं बताने वाला हूं कि पैसा आपके पास रुकता क्यों नहीं है. पैसा आपको धोखा क्यों दे जाता है. पैसा आपकी जेब में रहकर ग्रो क्यों नहीं करता. हमारे ही blockages पैसे को रोकते हैं. मैं आपको ऐसे 6 blockages बता रहा हूं. कृपया ध्यान दें, समझें कि मैं क्या कह रहा हूं और इन blockages की गिरफ्त से बाहर निकालिए खुद को. पैसा तभी आपके पास आना शुरू होगा. इन ब्लॉकेजेस के बारे में बताने से पहले जान लेते हैं कि ये ब्लॉकेजेस हैं क्या और कैसे काम करते हैं.
दोस्तो जिनसे मैंने NLP के कोर्स के दौरान इस टॉपिक के बारे में जाना और सीखा, उन्होंने इस मेंटल ब्लॉकेज का बहुत खूबसूरत उदाहरण दिया था. उन्होंने बताया कि IIM अहमदाबाद, जिसे कि इंडिया का सबसे टॉप management institute माना जाता है, वहां से निकलने के बाद भी होनहार युवा दूसरों की कंपनियों में नौकरी करते हैं, दूसरों के बिजनेस को बढ़ाने का काम करते है. वे अपना बिजनेस क्यों नहीं शुरू कर सकते? उनके पास नॉलेज की कमी नहीं. वे अगर चाहें तो आराम से अपनी कंपनी चला सकते हैं. आप खुद बताओ दोस्तों कौन सी स्थिति अच्छी है. रोज आठ घंटे किसी दूसरे की कंपनी के लिए काम करना ज्यादा अच्छा है या कुछ महीने 12-14 घंटे काम करके अपनी खुद की कंपनी खड़ी कर रोज इतने घंटे काम करने के टंटे से हमेशा के लिए मुक्त हो जाना?
IIM से MBA करने के बाद कुछ भी ऐसा जानने को नहीं रह जाता जो आपके आराम से अपना एक सक्सेसफुल बिजनेस शुरू करने के लिए जरूरी है. ऐसी कौन-सी बिजनेस स्ट्रेटेजी है, जो आपको पता नहीं रहेगी? समस्या माइंडसेट की है. बचपन से ही programming नौकरी की हुई है. नतीजा ये कि देश के सबसे बड़े इंस्टिट्यूट से एमबीए करने के बाद भी आप नौकरी लालाजी के यहां करते हैं, जो खुद ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं होता. लालाजी पढ़ा-लिखा नहीं होता, पर उसका माइंडसेट बिजनेस वाला होता है. उसे पता है कि पैसा कैसे कमाना है. उसके माइंड में पैसों को लेकर कोई ब्लॉकेज नहीं है.
दोस्तों ऐसे 6 blockages हैं जो subconscious level पर हमें पैसे से dissociate करते हैं. चूंकि ये subconscious level यानी अवचेतन मन के लेवल पर होता है, इसे हम जान नहीं पाते क्योंकि हम तो conscious level यानी चेतन मन के स्तर पर ही जीते हैं, जो हमारी जिंदगी का सिर्फ ऊपर ही ऊपर का 10 पर्सेंट हिस्सा कवर करता है.
अब आगे बढ़ने से पहले जरा फुद्दूलाल की एक छोटी-सी कहानी सुनें. एक बार फुद्दूलाल नदी किनारे मछली पकड़ रहे होते हैं. जब छोटी मछली कांटे में फंसती, वे उसे झोले में डाल लेते. लेकिन जब बड़ी मछली फंसती, तो वे उसे वापस नदी में फेंक देते. दो-चार बार ऐसा हो गया, तो बगल में मछली पकड़ने बैठे अजनबी से रहा न गया. उसने हैरानी में पूछा- भाईसाहब यह मछली आप वापस क्यों फेंक दे रहे हैं. इस पर फुद्दूलाल बोले- भाई जी मेरे घर में तवा छोटा है. उसमें बड़ी मछली नहीं तल सकता. छोटी मछलियां ही तली जा सकती हैं. इसीलिए बड़ी को वापस फेंक दे रहा हूं.
दोस्तो आपके भी दिमाग में कहीं यह बात तो नहीं घर करके बैठ गई कि मैं तो इतने के ही लायक हूं. दो कमरे का घर, एक बीवी, दो बच्चे, एक स्कूटर. छोटा परिवार खुश परिवार. देखिए एक सच मैं आपको बता देता हूं कि संसार में जो व्यक्ति खुद को जिस लायक समझता है वह उसी लायक काम भी कर रहा है. खेतों में किसानों, मजदूारों से लेकर सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, कॉर्पोरेट जहां भी आप जिसे भी देखेंगे तो पाएंगे कि जो खुद को जिस लायक समझता है उसे उसी लायक काम मिला हुआ है. इसमें खूबसूरत बात यह है कि यह जो खुद को जिस लायक समझने वाली बात है, यह बदलती रहती है. जैसे आप इस विडियो को पूरा देखने के बाद समझ जाओगे कि दुनिया में सबकुछ असीमित है, unlimited है, पर आपने उसे सीमित किया हुआ है. ऐसा नहीं है कि Universe आपको पैसे कमाने के मौके नहीं दे रहा. खूब दे रहा है. वह तो सबको बराबर मौका दे रहा है. उसके पास कोई कमी नहीं पैसों की. देश का हर नागरिक अरबपति बन जाए, तो भी उसका खजाना कम न होगा. वह तो देना चाहता है पर आप लेने को तैयार नहीं. क्योंकि आप dissociate state में हो. पैसे के flow में हमारा माइंडसेट ही ब्लॉकेज पैदा करता है. पैसे के flow से क्या समझे? इसके तीन हिस्से हैं- पहला – Receiving with ease दूसरा – keeping with ease और तीसरा – Giving with ease. तो जो blockages होते हैं वे भी तीन levels पर होते हैं. receiving, keeping and giving.
अगर receiving में ब्लॉकेज है, तो आपसे पैसा मांगा नहीं जाएगा. आपको अपने लिए कुछ भी favour मांगने में असहजता होगी. आप बॉस को कभी सैलरी बढ़ाने के लिए नहीं बोल पाओगे. कभी प्रमोशन देने को न बोल पाओगे. आपकी लाइफ में पैसा कमाने के अवसर तो आएंगे खूब आएंगे और आपको पता भी चलेगा कि मौका है, लेकिन आप उन अवसरां को भुना नहीं पाओगे. उन opportunities को reality में नहीं बदल पाओगे. आपका ब्लॉकेज आपको ऐसा नहीं करने देगा.
अगर आपके keeping level में blockage है, तो पैसा आपके पास टिकेगा नहीं. पैसा आएगा और हो सकता है अच्छा-खासा आए, पर जितना आएगा उतना ही निकल भी जाएगा. मुझे लगता है मेरी लाइफ में भी ये ब्लॉकेज था. लेकिन अब मैं इसे ठीक कर रहा हूं. मैंने अपनी बेटी को अमेरिका पढ़ने भेजा था. वहां उसने पहले under grad पूरा किया और फिर मास्टर्स. और अब वह एक अच्छी कंपनी में जॉब करने लगी है, तो पैसा जो निकल रहा था, वह अब थोड़ा रुकने लगा है. लेकिन मेरे पास पैसा न रुकने का एक purpose था. लोगों के पास बिना purpose के भी पैसा नहीं रुकता.
दोस्तो Blockage अगर giving में है, तो आप एक नंबर के कंजूस बन जाओगे. पैसा बचाओगे. पैसा save करोगे. यह जाने बिना कि saving is the best way of getting poor. जी हां दोस्तो. कड़वा लगेगा, लेकिन सच यही है कि only middle class believes in saving. और चूंकि वे save करते हैं, इसलिए मिडल में ही बने रहते हैं. क्योंकि बिना इन्वेस्ट करना सीखे आप upper class में नहीं जा सकते. पिछले छह साल मैंने पैसा save नहीं किया. उसे इन्वेस्ट किया. अपनी बेटी की पढ़ाई पर. याद रखना कि जिस पैसे को आप इन्वेस्ट करते हो असली रिटर्न वही देता है.
आप जिस पैसे को बैंक के पास जाकर सेव करते हो, बैंक भी उसे तुरंत इन्वेस्ट कर देता है. कहां बैंक का रिटर्न और कहां आपका. इस लिहाज से देखोगे दोस्तो तो FD से बड़ा कोई scam नहीं. Upper class FD नहीं करता. वह बैंक से लोन लेकर नया बैंक खड़ा कर देता है, बिजनेस में इन्वेस्ट करता है. अब ये बात अलग है कि ऐसे लोन लेने वाले कुछ लोगों ने देश की इकॉनमी का भट्टा बैठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. FD बड़ा scam इसलिए है दोस्तों क्योंकि जब आप 7 पर्सेंट पर एफडी करते हैं तो एक साल बाद आपको एक लाख पर सात हजार रुपये interest के मिलते हैं. लेकिन आप यह नहीं देखते कि एक साल महंगाई कितनी बड़ी. पता चला कि inflation 8 पर्सेंट था. यानी आपकी purchasing power एक हजार रुपये कम हो गई. पर इसका आपको पता ही नहीं चलता. आप सोचते रहते हो आपने एक लाख पर 7000 रुपये कमा लिए. है कि नहीं बेवकूफी?
Finance के मामले में एक बात समझ लें दोस्तो rested money is wasted money. पैसे को रखो मत. चलाते रहो. जो लोग स्मार्ट मानते हैं खुद को उन्होंने अपना पैसा बैंकों में जमा कर बैंकों को मालामाल नहीं किया बल्कि हमेशा बैंकों से लोन लेकर खुद को मालामाल बनाया. उन्होंने 8 पर्सेंट के ब्याज पर लोन उठाया और उसे इन्वेस्ट कर 12 पर्सेंट रिटर्न कमाया. लोन वापस किया और 4 पर्सेट जेब में डाला. स्टार्ट अप में स्मार्ट लोगों ने जाने कितनी कंपनियां खड़ी कर बेच दीं और millioanaires billionaires बन गए.
तो दोस्तो अगर आप जितना पैसा कमाने चाहते हो, आपके पास उतना पैसा नहीं या आप खुद को जितने पैसे के लायक समझते हो, उतना पैसा आप कमाते नहीं, तो जान लो कि आप money flow के blockages के मारे हो. आपको इन ब्लॉकेजेस को साफ करना होगा. तो चलिए जानते हैं कि ये 6 बड़े ब्लॉकेजेस कौन-कौन से हैं और आप इन्हें कैसे हटाकर अपने पास पैसे के बंद flow को शुरू कर सकते हैं.
पहला ब्लॉकेज – Negative Beliefs
दोस्तो जीवन में पैसों के flow को लेकर सबसे बड़ा ब्लॉकेज पैसों को लेकर हमारे negative beliefs हैं. आप खुद देखिए हम पैसों को लेकर कितना नेगेटिव सोचते हैं.
मैं पैसा कमाने के लायक नहीं हूं.
पैसा जिंदगी में खुशी नहीं खरीद सकता.
पैसे वाले लोग बुरे होते हैं. rich are evil
पैसों के बारे में बातें करना selfish है
पैसा हाथ का मैल है
पैसा ही सबकुछ नहीं है
पैसों को लेकर ऐसे नेगेटिव beliefs भारतीय समाज में आम बात है और खासकर मिडल क्लास में जहां नैतिकता लोगों को ज्यादा कनफ्यूज किए रहती है. ऐसी बातें हमारे subconscious level पर पैसा कमाने और संपत्ति बनाने की दिशा में अवसरों को तलाश करने से हमें रोकती हैं. ये जो beliefs हैं हमारे बचपन के अनुभवों, हम पर सांस्कृतिक प्रभावों या किसी तरह के financial setbacks से भी बन सकते हैं. लोग अक्सर पैसों और खुशी की आपस में तुलना करते हैं. पैसों से खुशी नहीं खरीदी जा सकती. ऐसा कहने वाले बहुत लोग मिल जाएंगे. भाई जरूरत क्या है. पैसे से जो मिलता है वह खरीदो न. खुशी भले ही न खरीद सकता हो पैसा लेकिन वह आपकी एंजाइटी जरूर कम कर सकता है. पैसा नहीं हो या कम हो, तो वह सबसे पहले एंजाइटी पैदा करता है. वैसे अगर पैसे से खुशी खरीदी ही जा सकती, तो सारे अमीर लोग खुश होते. हालांकि बहुत से अमीर हैं जो खुश भी हैं. बहुत से गरीब भी खुश दिखते हैं. बहुत से गरीब अमीरों से ज्यादा खुश हैं लेकिन बहुत से गरीब बहुत दुखी भी हैं. तो पैसों और खुशी का कोई संबंध नहीं. खुशी के लिए emotions, feeling और coping mechanism काम करते हैं. जो लोग बोलते हैं कि पैसा हाथ का मैल है, उनसे पूछना कि इस मैल को वे रखते कहां हैं. मैल तो डस्टबिन में डालते हैं. उसे तिजोरी और बैंक के लॉकरों में क्यों रखते हो. पैसे का सबसे बड़ा काम यह है कि वह मार्केट में कीमत यानी value का measurement देता है. और मार्केट से आपको दसियों चीजें चाहिए होती हैं.
दूसरा ब्लॉकेज – Fear or anxiety around opportunities
दोस्तो बहुत से लोगों को financial insecurity को लेकर होने वाली एंजाइटी के चलते अपनी जिंदगी की बुनियादी जरूरतों को न पूरा कर पाने या अचानक आ गए खर्चो के लिए पैसा न जुटा सकने जैसे डर घेर लेते हैं. ये डर अतीत में मिली असफलताओं से या अपनी abilities पर भरोसे की कमी से पैदा हो सकते हैं. इसके चलते वह व्यक्ति entrepreneur बनकर किसी venture में पैसा लगाने, नए फील्ड में career आजमाने या किसी अच्छी रिटर्न वाली स्कीम में इन्वेस्टमेंट करने जैसी opportunities को आजमाने में भी कतराने लगता है.
तीसरा ब्लौकेज – Unmorthy or don’t deserve
बहुत से लोग खुद को ज्यादा पैसा कमाने लायक ही नहीं मानते और इस बात से डरकर कि कहीं मेरा भाग्य न बदल जाए अपनी financial success को खुद ही बर्बाद कर देते हैं. वे अच्छी financial planning के अवसरों को टालते रहते हैं और खुद को बर्बाद करने वाले रास्ते पर धकेलते रहते हैं. अनिल अंबानी इसका बड़ा उदाहरण हैं. वे संभवत: अपनी ऐसी ही सोच के कारण आसमान से जमीन पर आ चुके हैं. खुद को बर्बाद करने वाली सोच से बाहर निकलने के लिए जरूरी है कि हम self introspection करते रहें. हमेशा self-aware बने रहें और अपने limiting beliefs को भी चुनौती देते रहें.
चौथा ब्लॉकेज – Negative association with wealth
कुछ लोग wealth और fimacial success को लेकर मन में नेगेटिव फीलिंग्स रखते हैं और उसे एक अच्छी बात नहीं मानते. उन्हें लगता है कि सादा जीवन उच्च विचार ही उनकी फिलॉस्फी होनी चाहिए. तो ऐसे लोग पैसा कमाने का अवसर अगर मुंह के सामने आ भी जाए, संपत्ति बनाने का उन्हें मौका भी मिले, तो भी वे मुंह मोड़ लेते हैं. Wealth को अच्छा न मानने की सोच उनके अवचेतन मन में ऐसे अवरोध ऐसे barriers खड़े कर देती है जो उन्हें financial abundance के पीछे जाने और earning opportunies को capitalize करने से रोकती है. अपने नजरिए को बदलकर और वेल्थ को personal fulfillment के लिए एक tool के रूप में देखकर हम अपने इस ब्लॉकेज से बाहर निकल सकते हैं.
पांचवां ब्लॉकेज – Ego/Self control
दोस्तों ego तो ऐसी चीज है जो हमेशा आपका नुकसान ही करता है. ईगो ने आपको पकड़ रखा है तो आप पैसे की कद्र नहीं करेंगे. ज्यादा होगा तो उड़ा देंगे और कम होगा, तो ज्यादा पैसे वाले को गाली देंगे. आपने देखा नहीं कि ईगो से भरे लोग कैसे पूरी जिंदगी गरीब बने रहने को तैयार रहते हैं, लेकिन मजाल है कि जरूरत के वक्त अपने रईस भाई से भी पैसा ले लें. उलटा वे ऐसा माहौल बनाकर रखते हैं कि रईस भाई चाहते हुए भी उन्हें पैसा नहीं देता क्योंकि वह जानता है कि पैसे की मदद करने की बात पर भाई बिगड़ जाता है. यही बात self-control को लेकर कही जा सकती है. बिना सेल्फ कंट्रोल के आप सही बिजनेस dicision नहीं ले पाते. ज्यादा पैसा खर्च करके पूरे financial plan की वाट लगा देते हैं. आपका ईगो इस सेल्फ-कंट्रोल को और कम कर देता है.
छठा ब्लॉकेज – Bad Money habits & Parkinson’s law
आपकी इनकम जैसे -जैसे बढ़ती जाती है आपकी लाइफस्टाइल भी उसी के मुताबिक बदलती जाती है. लेकिन कई लोगों को ऐसी लाइफस्टाइल की आदत लग जाती है कि उनके खर्च इनकम की चादर से बाहर पैर फैलाने लगते हैं. आप 2 बीएचके में आराम से रह रहे थे. अचानक आपकी इच्छा जगी कि आपको 3 बीएचके में रहना है. अब बढ़ी हुई इनकम का पैसा किस्त चुकाने में गया. घर में पैसों को लेकर बीवी बच्चों से झगड़े वैसे ही बने रहे. मारुति स्विफ्ट अच्छी चल रही थी, पर नहीं होंडा सिटी चाहिए. Parkinson law कहता है कि कोई भी काम उसे पूरा करने के लिए उपलब्ध समय के हिसाब से ही बढ़ता जाता है. ऐसे ही इनकल बढ़ने के साथ हमारी जरूरतें भी बढ़ती जाती हैं. लेकिन यह अनुपात अगर संतुलित नहीं रहा, तो हम इनकम बढ़ने के बावजूद पैसों को लेकर हमेशा ही struggle करते रहेंगे.
तो दोस्तों हम अपने विडियो के अंत तक पहुंच चुके हैं. मुझे यकीन है कि आपने अब यह जान लिया होगा कि financial growth के मामले में आप आज बताई गई 7 stages में से कौन सी स्टेज पर हो और आप में कौन-कौन से ब्लाकेजेस काम कर रहे हैं. उन ब्लॉकेजेस से बाहर निकलने की तैयारी करें. आप उन्हें जान गए हैं तो बाहर निकल भी जाएंगे. जानना ज्यादा जरूरी है. अगर आपको लगता है कि यह विडियो आपके दोस्तों रिश्तेदारों के काम का भी है, तो इसे लाइक और शेयर जरूर करें. मेरे एक करोड़ युवाओं तक इस चैनल को पहुंचाने के मिशन को पूरा करने में मेरा सहयोग करें और चैनल सब्सक्राइब करें. आपका सब्सक्राइब का बटन दबाना मेरी किस्मत की रेखाएं बदलेगा. दोस्तों अगले विडियो में हम फोकस बढ़ाने के तरीकों पर बात करेंगे. जीवन में सक्सेसफुल होने के लिए सबसे जरूरी है फोकस पावर. तो देखना न भूलें. हमेशा याद रखें कि जिंदगी present moment से आप तक आ रही है. इसलिए अतीत भविष्य में नहीं वर्तमान क्षण में बने रहकर जीवन का मजा लें. जाने से पहले मेरे साथ कहें- मन में है, तो मुमकिन है.
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