पहाड़ में बसने वाले लोग खुद में पूरा पहाड़ जीते हैं, उनके चेहरे बताते हैं वो क्या हैं, उनकी हंसी खुद में पूरा जीवन जीती है उनको नाचते गाते देखना ज़िंदगी के सबसे सुखद पलों में से एक होता है.
(Kot Bhramari Mela 2022 Photos)
हिमालय जैसे पहाड़ अपनी लोक परम्पराओं पर ही तो टिकते हैं. कुछ सूख चुकी बूढी और कुछ नम जवान आंखें पहाड़ का पूरा हाल कहने को काफ़ी हैं. जो भी है पहाड़ और उसकी परम्परायें करुणा, मुश्किल और दर्द के जानकार इन्हीं पहाड़ियों के मजबूत कंधों पर तो चल रहे हैं.
कत्यूर घाटी, गरुड़, नंदा देवी के मेले में एक उत्सव में परिवर्तित हो जाती है. कोट डंगोली में लगने वाले इस मेले को देखना और महसूस करना उत्तराखंड, कुमाऊं की धड़कन को जीने जैसा है. इस साल के मेले से कुछ तस्वीरें देखिये. सभी तस्वीरें काफल ट्री के अनन्य साथी जयमित्र सिंह बिष्ट द्वारा ली गयी है-
(Kot Bhramari Mela 2022 Photos)
जयमित्र सिंह बिष्ट
अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.
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