हाईकोर्ट ने कॉर्बेट पार्क में बीते ढाई वर्षों में 40 बाघों और 272 तेंदुओं के मारे जाने तथा इसमें वन अधिकारियों की संलिप्तता की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कॉर्बेट में अब तक तैनात रहे अफसरों की संपत्ति की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने को भी कहा है. कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला जोन में हाई कोर्ट ने जिप्सियों पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है.
एसएसपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर तीन माह के भीतर बाघों के तोताराम, बाल्कू, बावरिया गिरोह के शिकारियों को गिरफ्तार किए जाने के निर्देश दिए हैं. मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने सीटीआर के बफर जोन से गुर्जरों की बेदखली सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अफसरों पर तल्ख टिप्पणी भी की. कोर्ट ने कहा कि कोर्ट में पेशी के बहाने अधिकारी पिकनिक मनाने आते हैं. यह गंभीर है. सीटीआर से लगे सुंदरखाल गांव को विस्थापित करने के आदेश भी कोर्ट ने दिए हैं. हाईकोर्ट ने रिजॉर्टों से छुड़ाये गये बीमार हाथियों की जांच व उनका इलाज करने को कहा और टीबी से ग्रसित हाथियों को अन्य हाथियों से अलग रखने को कहा है.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…