भारत के स्वाधीनता संग्राम में कुमाऊँ-गढ़वाल का बड़ा योगदान रहा था. कांग्रेस पार्टी की अगुवाई में इस पर्वतीय क्षेत्र के चप्पे-चप्पे में राष्ट्रभक्ति की लहर दौड़ गयी थी और यहाँ के अनेक नेता राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाने में कामयाब हुए.
(Freedom Struggle Photos Uttarakhand)
कुमाऊँ और गढ़वाल में जनजागरण के उद्देश्य से महात्मा गांधी समेत बड़े राजनेता व स्वतंत्रता सेनानी भ्रमण पर आये. उनकी प्रेरणा से स्वाधीनता आन्दोलन ने बहुत जोर पकड़ा और उसे एक निर्णायक दिशा मिली.
उत्तराखंड के स्वाधीनता संग्राम में योगदान की विषयवस्तु पर वर्ष 1997 में एक महत्वपूर्ण पुस्तक ‘सरफरोशी की तमन्ना’ का प्रकाशन हुआ था. मशहूर इतिहासकार और पर्यावरणविद प्रो. शेखर पाठक के इस पुस्तक का सम्पादन किया था.
(Freedom Struggle Photos Uttarakhand)
आज भारत के स्वतंत्रता दिवस की पचहत्तरवीं वर्षगाँठ पर हम इसी किताब से कुछ चुनिन्दा फोटोग्राफ आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं. इन तस्वीरों में एक ऐसे समय की झलक मिलाती है जब देश और उसे आजाद कराने का जज्बा सारे पहाड़ की जीवनधारा में फैला हुआ था.
कहना न होगा इन तस्वीरों को उपलब्ध कराने और उन्हें यहाँ प्रकाशित करने की अनुमति देने के लिए हम प्रो. शेखर पाठक और उनकी पूरी टीम के आभारी हैं.
आप सब को स्वतंत्रता दिवस की बधाई!
(Freedom Struggle Photos Uttarakhand)
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