विश्व कप क्रिकेट शुरू होने में बमुश्किल एक सप्ताह बचा है. आज से हम आपके लिए क्रिकेट के इस सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय आयोजन को लेकर चुनिन्दा लेखों को क्रमवार प्रस्तुत करने जा रहे हैं.
साठ ओवर तक बैटिंग और 36 रन
आज यह बात अकल्पनीय लगती है कि 1975 का विश्व कप क्रिकेट इतिहास का पहला ऐसा आयोजन था जिसमें दो से अधिक टीमों ने हिस्सा लिया हो. फुटबाल और हॉकी जैसे खेलों में आयोजन लम्बे समय से होते आ रहे थे. फिलहाल 1975 का विश्व कप क्रिकेट खेलने वाले अधिकाँश देशों के लिए एक नई चीज थी. इंग्लैण्ड की काउंटी टीमों ने इसे अधिक तवज्जो नहीं दी और इसे काउंटी चैम्पियनशिप के दौरान आने वाला दो हफ्ते का अंतराल भर माना. मीडिया का हाल यह था कि वहां विम्बलडन की रिपोर्टिंग के सामने 1975 का विश्व कप क्रिकेट कोई दोयम दर्जे की खेल घटना जैसा लग रहा था. (First World Cup Cricket 1975)
उस समय कुल छः देश क्रिकेट खेला करते थे. गौरतलब है कि उस समय साउथ अफ्रीका के खेलने पर प्रतिबन्ध था. आईसीसी ने श्रीलंका के अलावा ईस्ट अफ्रीका (जिसमें केन्या, युगांडा, तंजानिया और ज़िंबाब्वे शामिल थे) को भी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने का मौक़ा दिया. इस तरह कुल आठ टीमों को दो अलग अलग ग्रुप्स में बांटा गया. श्रीलंका और ईस्ट अफ्रीका को अलग अलग ग्रुप्स में रखा गया.
1975 क्रिकेट विश्व कप की शुरुआत बहुर ही अजीबोगरीब ढंग से हुई. पहले मैच में इंग्लैण्ड ने डेनिस एमिस (137 रन) की सेंचुरी के बूते पर 60 ओवर्स में 334 रनों का अम्बार जुटा लिया. जवाब में खेलते हुए भारतीय टीम ने पूरे 60 ओवर खेले और 3 विकेट के नुक्सान पर कुल जमा 132 रन बनाए. भारत यह मैच 202 रनों से हारा. इस मैच के साथ उस समय के सुपरस्टार लिटल मास्टर सुनील गावस्कर का नाम किसी बुरे सपने की तरह हमेशा के लिए जुड़ गया. ओपनिंग करने उतरे सुनील गावस्कर ने पूरे 60 ओवर बिना आउट हुए खेले और फकत 36 रन बनाए. (First World Cup Cricket 1975)
टूर्नामेंट के बाकी के लीग मैच एकतरफा रहे सिवाय एजबेस्टन में खेले ग्रुप बी के वेस्ट इंडीज-पाकिस्तान मैच के जिसमें पाकिस्तान ने पहले खेलते हुए 7 विकेट पर 266 रन बनाए. जवाब में एक ऐसा समय आया जब वेस्ट इंडीज की टीम के 166 पर 8 विकेट गिर गए थे लेकिन उसके बाद डेरेक मरे ने पहेल कीथ बौयस के साथ 37 रन की और फॉर होल्डर के साथ 64 की नाबाद साझेदारी कर मैच जीता.
पहला सेमीफाइनल बहुत रोमांचक साबित हुआ. गैरी गिलमोर ने इंग्लैण्ड की टीम को 93 पर सीमित कर दिया. जवाब में ऑस्ट्रेलिया के 6 विकेट 39 रनों पर गिर गए. इसके बाद उतरे गिलमोर ने शानदार बल्लेबाजी भी की और 28 नॉट आउट बनाकर अपनी टीम को जीत दिलाई. इस मैच को गिलमोर का मैच कहा जाता है. वहीं दूसरे सेमी फाइनल में वेस्ट इंडीज ने न्यूजीलैंड को आसानी से हरा दिया.
लॉर्ड्स के मैदान पर फाइनल खेला गया. वेस्ट इंडीज पहले बैटिंग करने उतरी और 50 रन पर उसके 3 मुख्य बल्लेबाज आउट हो गए. उसके बाद आये कप्तान क्लाइव लॉयड 85 गेंद में 102 की पारी खेली और रोहन कन्हाई ने उनका बखूबी साथ दिया. निचले क्रम की मदद से वेस्ट इंडीज ने 8 विकेट पर 291 रन बनाए. गेंदबाजी करते हुए कीथ बौयस ने 50 रन देकर 4 विकेट लिए (ध्यान रहे कीथ बौयस ने बैटिंग करते हुए 37 गेंदों में 34 रन भी बनाए थे) जबकी अपने शानदार थ्रोज की मदद से विव रिचर्ड्स ने एलन टर्नर और दोनों चैपल बन्धुओं को रन आउट किया. आखिरी विकेट के लिए लिली और थॉमसन की जोड़ी ने 41 रन बनाए लेकिन वेस्ट इंडीज ने 17 रन से मैच जीता और पहली विश्व चैम्पियन टीम बनने का गौरव हासिल किया.
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