अशोक पाण्डे

आलू, चने और रायते का यह अनुपम जादू

तश्तरी के ऊपरी हिस्से में जो काले चने दिखाई दे रहे हैं उन्हें रात भर चीड़ की लकड़ी की आँच में गलाया जाता है. बिल्कुल बेसिक मसालों में भूने गए आलू हमारे कुमाऊँ में गुटके कहलाते हैं. इन दोनों के ऊपर छटाँक भर भांग के बीजों की चटनी परोसी जाती है.
(Famous Food in Uttarakhand)

इस परम चैतन्यकारी संयोजन को सम्पूर्ण बनाने के लिए खीरे का जो रायता बनाया जाता है उसमें पिसी हुई राई गीली आत्मा की तरह मौजूद रहती है. पिछली रात को भिगोए गए राई के बीज सुबह सिल बट्टे की मदद से पीस कर रायते में घोले जाते हैं. गाढ़े दही और मुलायम खीरे की मिली-जुली ताज़गी की संगत पाकर राई वसन्त की आहट पाए किसी जंगली फूल जैसी खिलना शुरू करती है.

सुबह की मिली हुई राई दोपहर तक कितने ही तिलिस्मों की छाया में एक ऐसे दिव्य रासायनिक चमत्कार में परिवर्तित हो जाती है जिसका वर्णन करते हुए देवताओं के शब्द भी कम पड़ जाएँ.
(Famous Food in Uttarakhand)

उसका पहला ज़ायक़ा कनपटी पर हमला करता है. उसकी महक जीभ पर महसूस होती है और स्वाद के वाहन पर बैठ कर प्रकाश की गति से मस्तिष्क तक पहुँच समूचे स्नायुतंत्र को हकबका  देती है.

मेरे पहाड़ के भोजन विशारदों ने शताब्दियों की तपस्या से आलू, चने और रायते का यह अनुपम जादू बनाया है. कुमाऊँ के तमाम गाँवों-क़स्बों से होकर गुज़रने वाली छोटी-बड़ी हर सड़क के किनारे बनी असंख्य गुमटियों में स्वाद का यह महासागर परोसा जाता है.

इस जन्म में एक दफ़ा नहीं खाया तो क्या जिया!
(Famous Food in Uttarakhand)

अशोक पांडे

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

Support Kafal Tree

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

डी एस बी के अतीत में ‘मैं’

तेरा इश्क मैं  कैसे छोड़ दूँ? मेरे उम्र भर की तलाश है... ठाकुर देव सिंह…

2 days ago

शराब की बहस ने कौसानी को दो ध्रुवों में तब्दील किया

प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत की जन्म स्थली कौसानी,आजादी आंदोलन का गवाह रहा कौसानी,…

5 days ago

अब मानव निर्मित आपदाएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं : प्रोफ़ेसर शेखर पाठक

मशहूर पर्यावरणविद और इतिहासकार प्रोफ़ेसर शेखर पाठक की यह टिप्पणी डाउन टू अर्थ पत्रिका के…

6 days ago

शराब से मोहब्बत, शराबी से घृणा?

इन दिनों उत्तराखंड के मिनी स्विट्जरलैंड कौसानी की शांत वादियां शराब की सरकारी दुकान खोलने…

6 days ago

वीर गढ़ू सुम्याल और सती सरू कुमैण की गाथा

कहानी शुरू होती है बहुत पुराने जमाने से, जब रुद्र राउत मल्ली खिमसारी का थोकदार…

6 days ago

देश के लिये पदक लाने वाली रेखा मेहता की प्रेरणादायी कहानी

उधम सिंह नगर के तिलपुरी गांव की 32 साल की पैरा-एथलीट रेखा मेहता का सपना…

1 week ago