Featured

बहुत कमाया लेकिन अच्छे से जीना नहीं सीखा

क्या आप सिर्फ नौकरी पैसों के लिए ही करते हैं. कहीं यह नौकरी आपकी सेहत को नुकसाान तो नहीं पहुंचा रही है. पैसे की बेतहाशा चाहत आपको परिवार से दूर तो नहंी कर रही है. प्रोफेशनल दोस्तों के चलते आप असली दोस्तों से दूर तो नहीं हो रहे हैं. ये तमाम सवाल हैं, जिसके बारे में आप सोच तक नहीं पाते हैं. जबकि, यह सच है. अधिकांश लोग पैसों के चलते अपने जीवन की कुर्बानी दे रहे हैं. आखिर पैसे की जरूरत के साथ ही हमारे जीवन में स्वास्थ्य व परिवार भी कितना उपयोगी है, यह तब पता चलता है, जब हम बहुत कुछ गंवा चुके होते हैं. फिर सोचने का कोई फायदा नहीं रह जाता.

आखिर हम लोग पैसा कमाने के लिए अपने जीवन में ऐसा व्यवहार क्यों करते हैं. इसलिए कि हमें इसके बारे में न ही परिवार में बताया जाता है और न ही स्कूल में. समाज में हम एक-दूसरे को देखकर यही सब करने लगते हैं. समाज में यही चर्चा आम है, खूब पैसे वाली अच्छी नौकरी पा जाओ और मौज की जिन्दगी जीवो. इसके अलावा कोई दूसरी बात नहीं होती है. समाज की इन धारणाओं के चलते ही हम पैसे को ही संपत्ति मान लेते हैं. जबकि, पैसा या धन संपत्ति का केवल एक रूप है. पैसे के अलावा भी हमारे जीवन के तमाम पहलू हैं, जिन पर भी हमें गौर करना चाहिए. खासकर हम यहां पर चार और पहलुओं पर चर्चा करेंगे. जिन पर विचार किया जाना चाहिए.

पैसा : अच्छी जिंदगी जीने के लिए पैसा जरूरी है. पढ़ाई से लेकर स्वास्थ्य तक, घूमने से लेकर बच्चों की ख्वाहिशें पूरी करने तक, पैसों की ही जरूरत पड़ती है. पैसा होने पर ही आप अपनी मदद तो करेंगे ही, साथ ही दूसरों की भी मदद कर सकेंगे. पैसा कमाने से जरूरी है, मनी मैनजमेंट. अगर आप मैनेजमेंट जानते हैं, तो आपकी दिक्कतें काफी हद तक कम हो जाएगी.

स्वास्थ्य: आप कॅरियर की उंचाई पर पहुंच रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही है, तो आप कहां ठहरेंगे. अगर आप पहले से ही स्वास्थ्य का भी ध्यान रखेंगे, तो आप स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से नहीं जूझेंगे. कॅरियर के साथ ही आप स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं. संतुलित भोजन करने के साथ ही संयमित जीवन जीने की कोशिश ही हमें सही मुकाम पर ले जा सकती है. नियमित व्यायाम या कोई खेल को अपने जीवन में शामिल करना बेह्तर साबित होगा.

कॅरियर वेल्थ: आत्मसम्मान के लिए जीना है. इसलिए आपको कॅरियर की उंचाई पर भी ध्यान देना है, लेकिन इसके लिए आपको कॅरियर स्किल को डेवलप करने के लिए नियमित प्रयासरत रहना होगा. कॅरियर संबंधी किताबों को पढ़़ना, सेमिनार अटैन करना और अपने कॅरियर के सफल लोगों से मिलते रहना चाहिए.

फैमली और सोशल वेल्थ: पैसे के साथ ही अपना परिवार भी जरूरी है. सामाजिक जीवन भी उतना ही जरुरु है. इसलिए आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारा परिवार और समाज जितना अधिक करीब होगा, हमारे बेहतर जिंदगी के लिए उतना ही अच्छा होगा. परिवार व दोस्तों के लिए समय निकालें. उनकी जरूरतों का ध्यान रखें. जरूरत पड़ने पर मदद के लिए भी सबसे पहले आगे रहें.

इनर वेल्थ: पैसा बहुत है, लेकिन छोटी सी समस्या भी आपका सुख-चैन छीन लेती है. ऐसा न हो, इसके लिए आपको अपना इनर वेल्थ यानी आप अंदर से भी मजबूत रहें. आपको नियमित अध्ययन करना चाहिए. अच्छी किताबों को पढ़ने के साथ ही ध्यान कर सकते हैं. आध्यात्मिक चिंतन के अलावा प्रकृति के करीब रहने की कोशिश करना बेहतर होगा.

आपको पता चला होगा, पैसा जरूरी है, लेकिन दुनिया के तमाम अमीर लोग भी बहुत खोखले होते हैं, बेहिसाब पैसा होने के बावजूद आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं. परिवार बिखर जाता है. सुख-चैन छिन जाता है. घर नहीं, बल्कि महल होने के बावजूद गहरी नींद गायब हो जाती है और सामान्य नींद के लिए नींद की गोलियां लेने को मजबूर रहते हैं. एकाकी होने लगते हैं. इतना पैसा है, दुनिया की कुछ भी चीज खरीद कर खा सकते हैं, लेकिन बीमारी ऐसी है कि सादा भोजन भी नहीं पचता. कहने के लिए सैकड़ों लोग अपने हैं, लेकिन सुकून के दो पल बिताने के लिए कोई अपने पास नहीं होता है. पैसे का दिखावा इतना हो गया है कि कभी अपना असली स्वभाव तक सामने लाने से डर लगने लगता है. इसलिए तो लेखक जिम राॅन की बात एकदम सही लगती है, बहुत लोगों ने बहुत अच्छे से कमाना सीख लिया, लेकिन उन्हीं लोगों ने अभी तक अच्छे से जीना नहीं सीखा.

डॉ . गौरव जोशी
हल्द्वानी में रहने वाले लेखक निवेशक व डेंटिस्ट हैं.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

हमारे कारवां का मंजिलों को इंतज़ार है : हिमांक और क्वथनांक के बीच

मौत हमारे आस-पास मंडरा रही थी. वह किसी को भी दबोच सकती थी. यहां आज…

2 days ago

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

6 days ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

6 days ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

7 days ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

1 week ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

1 week ago