उत्तराखंड की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है चौकोड़ी.
हिमालय के हृदयस्थल में घने जंगलों से घिरी यह छोटी सी बसासत एक समय कुमाऊँ के सबसे बड़े व्यवसायी दान सिंह मालदार की कर्मभूमि रही थी. प्रकृति की छांह में बसी यह रमणीक स्थली पर्यटन के लिहाज से कुमाऊँ की सबसे सुन्दर जगहों में से एक मानी जानी चाहिए. फलों के बगीचे, जैव-विविधता, सघन वनों में उगी बांज, चीड़ और बुरांश के पेड़ों की छांह और उन सब के ऊपर हिमालय की चोटियों का फैला हुआ विहंगम दृश्य – ये सभी चीजें मिल कर चौकोड़ी को एक शानदार हिल स्टेशन बनाती हैं.
चौकोड़ी के सूर्योदय और सूर्यास्त इस जीवन में एक बार देखे जाने की दरकार रखते हैं. और तारों से भरा चौकोड़ी का रात का आसमान – उसके बिना जीवन की कल्पना कैसे की जा सकती है!
चौकोड़ी के आसपास अनेक धार्मिक स्थल हैं. सबसे पहले तो चौकोड़ी में ठाकुर दान सिंह बिष्ट मालदार के घर के ठीक नीचे चौकोड़ी बुबू का मंदिर है जो इस स्थान के रक्षक माने जाते हैं और स्थानीय मान्यताओं में उन्हें उत्तराखंड के सबसे बड़े देवता गोल का अवतार बताया जाता है.
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एक समय था जब चौकोड़ी में देश के सबसे बेहतरीन चाय बागान भी थे. जाहिर है यह भी दान सिंह मालदार के प्रयासों से ही संभव हो सका था. कुछ समय पहले तक यहाँ टी बोर्ड द्वारा संचालित एक फैक्ट्री भी चला करती थी पर फिलहाल उसकी हाल खस्ता है.
दूर तक भ्रमण करने का शौक रखने वालों के लिए चौकोड़ी में सुबह शाम वॉक करने के लिए अनेक रास्ते हैं जो अंततः सारे के सारे एक ही जगह पर मिल जाते हैं.
चौकोड़ी पर प्रस्तुत किये जा रहे इस फोटो निबंध में सभी फोटो अशोक पाण्डे के खींचे हुए हैं.
चौकोड़ी जाए बिना कुमाऊँ की सुन्दरता को ठीक से समझा नहीं जा सकता (Chaukori Uttarakhand Kumaon Tourism)
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लाजवाब...
पर्यटन के रूप में चौकोड़ी कब और कैसे जाया जा सकता है , वहा ठहरने की क्या व्यवस्था है । बताने का श्रम करे ।