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“इन पेड़ों को काटने से पहले तुम्हें अपनी कुल्हाड़ियाँ हमारी देहों पर चलानी होंगी!”

26 मार्च 1974. उत्तराखंड का एक छोटा सा गाँव. नाम रैणी. गाँव की सभी महिलाएं एक बहादुर स्त्री के नेतृत्व…

6 years ago

पूंजीवाद का अंधेरा तहखाना है कूड़ा

समकालीन जनमत से साभार लिया गया निस्सीम मन्नातुक्करन का यह लेख पूंजीवाद के डीएनए में मौजूद मनुष्य-विरोधी तत्त्वों की शिनाख्त…

6 years ago

अच्छे लेखक को कुछ भी बरबाद नहीं कर सकता है

विलियम फॉक्नर का साक्षात्कार (अनुवाद : शिवप्रसाद जोशी) नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकी उपन्यासकार विलियम फॉक्नर (1897-1962) के एक प्रसिद्ध…

6 years ago

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया है. वे 93 वर्ष के थे. लंबे समय से…

6 years ago

भीमताल का फ्रेडी सैप

वन स्ट्रॉ रेवोल्यूशन वाले जापानी मासानोबू फुकुओका और पर्मीकल्चर के प्रतिनिधि आस्ट्रियाई किसान सैप होल्ज़र फिलहाल विश्वविख्यात नाम हैं और…

6 years ago

हम सब अपने बच्चों के हत्यारे हैं

सुन्दर चन्द ठाकुर कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं.…

6 years ago

क्यों ज़रूरी है स्कूलों के इस पागलपन से पीछे लौटना

बोस्टन में मनोविज्ञान पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर पीटर ग्रे ने हाल के वर्षों में आधुनिक शिक्षा पद्धति की बुनियाद को लेकर…

6 years ago

तिब्बत पहुँचने वाला पहला जापानी

महान यात्रियों की श्रृंखला में एक और बड़ा नाम है एकाई कावागूची का. 1866 के साल जापान में ओसाका के…

6 years ago