ढांटा ब्या उत्तराखण्ड के खशों में प्रचलित तथा सामाजिक मान्यता प्राप्त निरनुष्ठानिक विवाह का एक प्रकार था. इसमें कोई सधवा…
यूं तो कुमाऊँ में ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रवेश 8 मई 1815 को कुमाऊँ के कमिश्नर आफ रेवन्यू के रूप…
पहाड़ में पूर्णिमा का खूब महत्त्व है फिर इसे धर्म की आस्था से जोड़कर देखा जाय या लोकजीवन से. चांद…
पिथौरागढ़ नगर के पूरब में एक सुंदर सा गाँव है द्यौत जिसे देवत भी कहते हैं. गांव वाले जहां से…
बरसात में पहाड़ और भी खुबसूरत हो जाते हैं और चटख हरे रंग के जगंलों से सजी उनकी खुबसूरती में…
हल्द्वानी में नैनीताल रोड पर तिकोनिया के पास श्री राम अस्पताल के बाहर नंदू चाय की दुकान का ठेला लगता…
बुद्ध से जुड़ी हुई कई कथाएं हैं, जो हमें जीवन के बहुत गहरे संदेश देती हैं. ऐसी ही एक कथा…
अगर आप इसे पढ़ रहे हैं तो आपके लिए एक ज़रूरी सूचना है. तकरीबन दो-तीन माह पूर्व मुझे एक दोस्त…
शिब जू का प्यारा महीना हुआ सावन और इसी सावन की पून्यूं यानि पूर्णिमा के दिन पहाड़ में मनाई जाती है, "…
देहरादून एयर पोर्ट से ऋषिकेश जाते हुऐ रानीपोखरी से पहले नदी पड़ती है. यह नदी बरसात को छोड़कर अक्सर सूखी…