परम्परा

समृद्धि और सीमा के रक्षक देवता हरू-सैम के जन्म की कथा

औन हरू हरपट, जौन हरू खड़पट कुमाऊं में प्रचलित इस लोकोक्ति का अर्थ है हरू, आये हरियाली लाये, हरू जाये…

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डाना गैराड़ के कलबिष्ट देवता की जागर सुनिए

कुमाऊँ और गढ़वाल के पहाड़ों में प्रचलित जागर पूर्वजों की आत्माओं का आह्वान करने की पुरानी परम्परा है. आम तौर…

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ऐड़ी देवता : ऊंचे शिखरों पर शिकार खेलने वाला देवता

उत्तराखंड के लोक देवताओं में एक प्रचलित नाम ऐड़ी या ऐड़ा देवता का है. कुमाऊं में अनेक चोटियों के शिखर…

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कुमाऊं में अन्नप्राशन संस्कार

अन्नप्राशन संस्कार बच्चे के दांत निकलने से पहले किया जाता है. कुमाऊं में इसे अनपासनि, पासणि भी कहा जाता है.…

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आज गंगा दशहरा है

आज गंगा दशहरा है. पहाड़ों में इसे दसार या दसौर भी कहते हैं. इस वर्ष गंगा दशहरा 12 जून, 2019…

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कुमाऊंनी लोकगीतों में सामाजिक चित्रण

लोकगीतों से हमारा तात्पर्य लोक साहित्य के उन रूपों से है, जो प्रायः अलिखित रहकर जन-साधारण द्वारा निर्मित होते हुए…

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उच्याणा : कामनापूर्ति की इच्छा से देवताओं को भेंट चढ़ाने का संकल्प

उत्तराखण्ड की अध्यात्मिक आस्था एवं विश्वासों में से एक है उच्यौन, उचान, उच्याणा, उच्याणी. जब कोई व्यक्ति अस्वस्थ हो जाता…

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दारमा घाटी की राजुला और उसकी अमर प्रेम गाथा

उतरा खण्ड भला देश एक छा भोटान हिमगिरी जड़ पर रमणीक स्थान. उति रनी बड़ा बड़ा व्यौपारी लै सेट भौत…

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रुद्रनाथ : जहाँ भगवान शिव के एकानन रूप की पूजा होती है

उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में है भगवान शिव का मंदिर रुद्रनाथ. रुद्रनाथ पंचकेदारों में से एक है,…

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विलुप्ति की कगार पर पहाड़ का एक लोकदेवता

कुमाऊं के रास्तों में अनेक जगह पर आपको ऐसी टीलेनुमा आकृति मिल जायेगी जहां पर लोग आस्था के साथ पत्थर…

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