मध्य हिमालय में जब कड़ाके की सर्दी बढ़ती है तो पेड़ अपने पत्तों को भी ख़ुद से अलग कर देते…
उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को बाहरी आक्रमणकारियों के अलावा ठकुराइयों द्वारा एक दूसरे की गढ़ियों को हड़पने के…
अपनी-अपनी बोली के हिसाब से कोई उन्हें एजेंटी बूबू कहता है तो कोई अजेंडी बूबू. बूढ़े सफ़ेद कपड़े और सफ़ेद…
पहाड़ में छल-छिद्र, भूत-मसाण आये दिन लगे ही हुये. गाड़ गधेरे से चिपटने वाले छल-छिद्र तो घर के बुजुर्ग एक…
पिछली एक सदी में यह पहली बार होगा जब ऐतिहासिक जौलजीबी के मेले का आयोजन नहीं किया जायेगा. 1962 के…
पहाड़ के खोईक भिड़ महज घरों के आगे की निर्जीव दीवार भर नहीं हुआ करती बल्कि यहां के पारिवारिक, सामाजिक…
सरयू और रामगंगा का संगम सोर घाटी और इससे लगे गावों के लिये सदियों से पवित्र रहा है. लोक में…
कूर्मांचल में काली कुमाऊँ लोहाघाट से हल्द्वानी जाने वाले सड़क मार्ग पर पेंतालिस किलो मीटर की दूरी पर पौराणिक धार्मिक…
डड्वार, गढ़वाल में दिया जाने वाला एक प्रकार का पारितोषिक है. जिसे पहले तीन लोगों को दिया जाता था: ब्राह्मण,…
पुराण के मानसखण्ड में महर्षि व्यास ऋषियों को बताते हैं कि सरयू और श्यामा नदियों के बीच में भव्य स्थाकिल…