संस्कृति

लोककथा : इजा! बस तीन पतली-सी रोटियाँ

बहुत पुरानी बात है. उस पहाड़ी गाँव में एक लड़की रहती थी. माँ के अलावा उसका इस दुनिया में कोई…

3 years ago

न्यौली चिड़िया से जुड़ी कुमाऊनी लोककथा

पहाड़ की बाखलियों के आस-पास इन दिनों न्यौली चिड़िया का बोलना खूब सुनाई देना शुरु हो गया. उदासी, करुणा और…

3 years ago

महाशिवरात्रि पर्व पर ‘सोमेश्वर महादेव’ से एक्सक्लूसिव तस्वीरें

सोमेश्वर क्षेत्र शिव की घाटी के रूप में भी जाना जाता है. इसे पूरे क्षेत्र में 12 से अधिक शिव…

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डरपोक बाघ और चालाक सियार की कहानी

बड़ी पुरानी बात है जंगल के राजा बाघ और हाथी के बीच भयंकर लड़ाई हो गयी. 22 दिन 22 रात…

3 years ago

नास्तिक : कुमाऊनी लोककथा

एक व्यक्ति ने एक सन्यासी से तीन सवाल पूछे. (kumaoni folklore Ivan Minayev) पहला सवाल था — आप ऐसा क्यों…

3 years ago

क़ीमती सलाह : कुमाऊनी लोककथा

एक अमीर आदमी के दो बेटे थे, जब वे बड़े हुए तब उसने दोनों को अपना व्यापार शुरू करने के…

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उत्तराखंड की नई पीढ़ी नहीं पहचानती इस लोक वाद्ययंत्र को

उत्तराखंड लोक गीतों, लोक नृत्यों और पारंपरिक वाद्ययंत्रों का खजाना है. उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों के वाद्य यंत्र हों या…

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पहाड़ में होने वाले शुभ कार्यों में महिलाओं की भूमिका

बचपन से ही अक्सर हम देखते थे गाँव में कोई भी शुभ कार्य हो महिलाओं की एक विशेष ही भूमिका…

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उत्तराखंड के लिए कई मायनों में खास है लोकपर्व बसंत पंचमी

उत्तराखंडी समाज में बसंत पंचमी का महत्व उसी तरह है जिस तरह मकरैणी यानी मकर संक्रांति का. पंचमी पर स्नान…

3 years ago

भावुक कर देने वाला विदाई गीत है ‘बाट लागी बरयात चेली’

‘बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले’ गीत को उत्तर भारत की शादियों का राष्ट्रीय विदाई गीत…

3 years ago