आज गोविन्द बल्लभ पन्त का जन्मदिन है. यह बात बड़ी रोचक है गोविन्द बल्लभ पन्त के जन्म की तारीख 10…
बात ‘गलता लोहा’ से शुरू करते हैं, जो शेखर जोशी जी की अपेक्षाकृत कम चर्चित कहानी है. पहाड़ के एक…
अब ताला क्या लगाना!तो क्या कोठरी खुली ही छोड़ दे?असमंजस में वह बंद दरवाजे के सामने खड़ा रह गया.(पृष्ठ-9) ‘दावानल’…
उत्तराखंड में पारम्परिक रूप से बरसात के पानी को रोकने के लिए बनाए तालाबों को चाल -खाल कहते हैं. अमूमन…
फिर वही! क्या स्वतंत्रता का अधिकार बस नाम के लिये दिया गया है संविधान में? शुरू किया नहीं कि टोका-टाकी…
पहली बार केदारनाथ गया तो वहां के हाल देख पर्यावणविद सुंदरलाल बहुगुणाजी का कहा याद आया कि ग्लेशियर धीरे-धीरे मरुस्थल…
उत्तराखंड राज्य की स्थापना एक पर्वतीय राज्य की संकल्पना के साथ हुई. इसके तराई भाबर के मैदानी इलाकों को पहाड़ों…
पहाड़ में बसने वाले लोग खुद में पूरा पहाड़ जीते हैं, उनके चेहरे बताते हैं वो क्या हैं, उनकी हंसी…
कुमाऊं के लोकदेवताओं में छुरमल का नाम प्रथम पंक्ति के लोकदेवताओं में लिया जाता है. छुरमल कालसिण और हयूंला के…
यह 1932 का बरस था और सितम्बर महीने की 6 तारीख. आज पौड़ी में लाट मैलकम का दरबार लगा था.…