कॉलम

बापू हमें माफ करनाबापू हमें माफ करना

बापू हमें माफ करना

गांधी शख्सियत से ज्यादा एक विचार है जिसे पूरी दुनिया ने पढ़ा और जाना सिवाय उनके अपने देशवासियों के. हमने…

5 years ago
कौन है पहाड़ों की नन्दा देवीकौन है पहाड़ों की नन्दा देवी

कौन है पहाड़ों की नन्दा देवी

शिव के साथ-साथ शक्ति की उपासना भी अति प्राचीन काल से होती आई है बल्कि यह कहना अधिक उचित होगा…

5 years ago
कभी ऐसा भी एक गुप्त संगठन था अल्मोड़ा मेंकभी ऐसा भी एक गुप्त संगठन था अल्मोड़ा में

कभी ऐसा भी एक गुप्त संगठन था अल्मोड़ा में

सारे देश की तरह कुमाऊँ में भी जहाँ अधिकतर लोग महात्मा गांधी के पदचिन्हों पर चलकर स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी…

5 years ago
क्या बदल जायेंगे उत्तराखण्ड के सीएमक्या बदल जायेंगे उत्तराखण्ड के सीएम

क्या बदल जायेंगे उत्तराखण्ड के सीएम

उत्तराखंड में राजनीति और अनिश्चिताओं का चोली दामन का साथ रहा है. केवल कांग्रेस के एनडी तिवारी ही ऐसे नेता…

5 years ago
प्रकृति भी हम स्त्रियों के प्रति उतनी दयालु और सहयोगी नहींप्रकृति भी हम स्त्रियों के प्रति उतनी दयालु और सहयोगी नहीं

प्रकृति भी हम स्त्रियों के प्रति उतनी दयालु और सहयोगी नहीं

4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – पच्चीसवीं किस्त पिछली क़िस्त का लिंक: किसी भी लड़की के लिए जे.एन.यू…

5 years ago
और जीत गई झंगोरे की खीरऔर जीत गई झंगोरे की खीर

और जीत गई झंगोरे की खीर

राजधानी से तीन गाड़ियों में अफसरों की एक टीम पहाड़ की तरफ चली, यह तय करने कि सरकार द्वारा बजट…

5 years ago
दसवीं बोर्ड परीक्षा में जब मैंने रात भर जागकर पढ़ा सामाजिक विज्ञानदसवीं बोर्ड परीक्षा में जब मैंने रात भर जागकर पढ़ा सामाजिक विज्ञान

दसवीं बोर्ड परीक्षा में जब मैंने रात भर जागकर पढ़ा सामाजिक विज्ञान

पहाड़ और मेरा जीवन -49 (पिछली क़िस्त: ये रहा मेरे हाथ लगी ग्यारहवीं की डायरी का पहला पन्ना) कक्षा पांच…

5 years ago
देवभूमि की कथा वाचिका ज्योत्सना पांडेदेवभूमि की कथा वाचिका ज्योत्सना पांडे

देवभूमि की कथा वाचिका ज्योत्सना पांडे

मेरा नाम हिमसुता ज्योत्सना पांडे है. मैं उत्तराखंड के एक छोटे से गांव, जिसे कस्बा भी कह सकते हैं, ताड़ीखेत…

5 years ago
आमा के जीवन की यादें मेरे लिए कहानी बन जाती थीआमा के जीवन की यादें मेरे लिए कहानी बन जाती थी

आमा के जीवन की यादें मेरे लिए कहानी बन जाती थी

वे घुमंतु नहीं थे और न ही बंजारे ही थे. वे तो निरपट पहाड़ी थे. मोटर तो तब उधर आती-जाती…

5 years ago
पांच पुरानी हिन्दी फ़िल्में जिनकी शूटिंग नैनीताल में हुई थीपांच पुरानी हिन्दी फ़िल्में जिनकी शूटिंग नैनीताल में हुई थी

पांच पुरानी हिन्दी फ़िल्में जिनकी शूटिंग नैनीताल में हुई थी

कटी पतंग, राम तेरी गंगा मैली, रहना है तेरे दिल में, पान सिंह तोमर, विवाह, लक्ष्य, कोई मिल गया और…

5 years ago