सिनेमा

पांच पुरानी हिन्दी फ़िल्में जिनकी शूटिंग नैनीताल में हुई थी

कटी पतंग, राम तेरी गंगा मैली, रहना है तेरे दिल में, पान सिंह तोमर, विवाह, लक्ष्य, कोई मिल गया और न जाने कितनी ही फिल्मों की शूटिंग उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में हुई है.

उत्तराखंड के सभी इलाकों में फिल्म निर्मातों की सबसे पंसदीदा जगह रही है नैनीताल. आज हम आपको पांच पुरानी हिन्दी फिल्मों के बारे में बता रहे हैं जिनकी शूटिंग नैनीताल जिले में हुई है.

गुमराह

1963 में बी. आर. चोपड़ा की फिल्म गुमराह में अशोक कुमार, सुनील दत्त, निरुपमा रॉय, माला सिन्हा जैसे बड़े सितारे थे. इस फिल्म के शुरुआत में ही एक गाना तुझको मेरा प्यार पुकारे गीत है. शाहिर लुधियानवी का लिखा यह गीत नैनीताल में फिल्माया गया है.

भीगी रात

1965 में मीना कुमारी और अशोक कुमार की इस फिल्म का गीत ‘मोहब्बत से देखा’ नैनीताल की माल रोड और उसके आस-पास ही फिल्माया गया है. इस गीत में नैनीताल झील में चलती नावें भी देखी जा सकती हैं.

अनिता

साधना और मनोज कुमार की फिल्म अनिता 1967 की सुपरहिट फिल्मों में गिनी जाती है. इस फिल्म की भी कुछ शूटिंग नैनीताल में हुई थी. साधना और मनोज कुमार इस दौर में फिल्म इंडस्ट्री के बड़े सितारे माने जाते थे. इस फिल्म के गीत ‘सामने मेरे सांवरिया’ का शुरुआती हिस्सा नैनीताल झील के पास ही शूट किया गया है.

लिंक में एक घंटे चौदह मिनट का दृश्य देखें :

कटी पतंग

आशा पारेख, राजेश खन्ना और प्रेम चोपड़ा जैसे बड़े सितारों वाली इस फिल्म की शूटिंग नैनीताल में हुई है. इस फिल्म में एक सदाबहार गीत है ‘जिस गली में तेरा घर न हो बालमा.’ आनंद बक्षी के लिखे इस गीत में संगीत आर. डी. बर्मन का है और आवाज मुकेश की है. यह पूरा गाना नैनीताल झील में फिल्माया गया है.

मासूम

1983 की फिल्म मासूम नैनीताल के विभिन्न हिस्सों में फिल्माई गयी है. इस फिल्म में नसरुद्दीन साह, शबाना आजमी, तनुजा पाठक, सतीश कौशिक आदि कलाकार हैं. फिल्म की अधिकांश शूटिंग नैनीताल में हुई है.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

कानून के दरवाजे पर : फ़्रेंज़ काफ़्का की कहानी

-अनुवाद : सुकेश साहनी कानून के द्वार पर रखवाला खड़ा है. उस देश का एक…

2 days ago

अमृता प्रीतम की कहानी : जंगली बूटी

अंगूरी, मेरे पड़ोसियों के पड़ोसियों के पड़ोसियों के घर, उनके बड़े ही पुराने नौकर की…

4 days ago

अंतिम प्यार : रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी

आर्ट स्कूल के प्रोफेसर मनमोहन बाबू घर पर बैठे मित्रों के साथ मनोरंजन कर रहे…

5 days ago

माँ का सिलबट्टे से प्रेम

स्त्री अपने घर के वृत्त में ही परिवर्तन के चाक पर घूमती रहती है. वह…

6 days ago

‘राजुला मालूशाही’ ख्वाबों में बनी एक प्रेम कहानी

कोक स्टूडियो में, कमला देवी, नेहा कक्कड़ और नितेश बिष्ट (हुड़का) की बंदगी में कुमाऊं…

1 week ago

भूत की चुटिया हाथ

लोगों के नौनिहाल स्कूल पढ़ने जाते और गब्दू गुएरों (ग्वालों) के साथ गुच्छी खेलने सामने…

1 week ago