कॉलम

ऐपण कला की उम्मीद पिथौरागढ़ की निशा पुनेठा

उत्तराखण्ड की लोकसंस्कृति के विलुप्त हो जाने की आशंका के बीच कई युवा अपने जिद्दी इरादों के साथ इस कुहासे…

5 years ago

रिटायरमेंट के बाद कमरे में सोएं, यही चाहते हैं बस

बहुत कुछ घुमड़ रहा था उसकी आँखों में. आँखों में देखकर बातें नहीं कर रहा था वो. सामने मेज पर…

5 years ago

तुम होगे साधारण ये तो पैदाइशी प्रधान हैं

इन्हें प्रणाम करो ये बड़े महान हैंदंत-कथाओं के उद्गम का पानी रखते हैंपूंजीवादी तन में मन भूदानी रखते हैंइनके जितने…

5 years ago

कहां गयी पहाड़ की चुंगी देने की परम्परा

बचपन में चुंगी मिलने अपार आनंद याद आता है. वह जीवन के सबसे सुखद पलों में हुआ करता. हम बच्चे…

5 years ago

रामलीला को बस ऐसे ही पकड़े-जकड़े रहे अल्मोड़ा, यही दुआ है

अल्मोड़ा जिंदगी में नमूदार हुए कुछ उन शहरों में रहा जिन्होंने न केवल प्रभावित किया बल्कि अंदर तक हिलाया भी.…

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थल का बालेश्वर मन्दिर: जगमोहन रौतेला का फोटो निबंध

बेड़ीनाग (पिथौरागढ़) से थल (पिथौरागढ़) को जाते हुए पूर्वी रामगंगा के पुल को पार करते ही थल का बाजार शुरु…

5 years ago

मेरे मास्टर जी – गीता गैरोला की कहानी स्मिता कर्नाटक की आवाज में

हमारी नियमित लेखिका गीता गैरोला ने आपको अनेक मनभावन कहानियां सुनाई हैं. हाल ही में हमने उनकी मशहूर किताब ‘मल्यो…

5 years ago

रामलीला ही नहीं राजनीति के भी दशरथ हैं बंशीधर भगत

उत्तराखंड प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले विधायक बंशीधर भगत जब आते हैं स्टेज पर तो बज उठती…

5 years ago

उत्तराखंड बीजेपी से निकाले गए 90 कार्यकर्ताओं की लिस्ट

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव शुरू होने को हैं. शनिवार 6 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक तीन चरणों में इन पंचायत…

5 years ago

मंडुवा की रोटी भली, सिसुणा को साग

असल में लोकोक्ति है- “मंडुवा की रोटी भली, सिसुणा को साग.” बचपन में सुना ही सुना था. सिसुणा का साग…

5 years ago