प्रो. मृगेश पाण्डे

अंग्रेजों के ज़माने की चाय की फसक पराव

हाथ में गरम चहा का गिलास पकड़े और फिर गुनगुनाते पहाड़ी धुन का ये गीत आपने कभी न कभी सुना…

3 years ago

‘कुमाँऊनी शब्द सम्पदा’ पुस्तक लोकभाषा को अभिसिंचित करने में सफल है

भाषाविदों के अनुसार कुमाँऊनी एक इंडो आर्यन भाषा है जो कुमाऊँ में प्रचलित है और अलग-अलग जनपदों में थोड़े बहुत…

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पहाड़ में आयुर्वेद और अल्मोड़ा के परम्परागत वैद्य

पहाड़ की परम्परागत चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद प्रचलित रहा. लोक विश्वास के साथ ही जनमानस में ऐसी अनेक परम्पराएं पोषित…

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‘राम सिंह ठकुरी’ राष्ट्रभक्ति के संगीत से सरोबार पल्टन का फौजी

2/1 गोरखा राइफल्स के हवलदार दिलीप सिंह के घर 15 अगस्त 1914 को हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले के मुख्यालय…

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पहाड़ में परंपरागत भूमि प्रबंध और कर प्रणाली का सम्पूर्ण इतिहास

उत्तराखंड में भूमि प्रबंधन व राज्य को चलाने के लिए आगम के प्रमाण कत्यूरी राजाओं के समय से मिलते हैं.…

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सेम मुखेम में नागराजा की माया

पहाड़ों में उसके सीमांत से जान -पहचान बढ़ाने के लिए की जाने वाली पद यात्राएं बहुत कुछ दे जातीं हैं.…

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बोर्निओ के नरमुंड शिकारी

वह प्रकृति के बीच रहते हैं. जल और जंगल की ये जमीन ही उनकी पालनहार है. इसके हर पत्ते, हर…

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दूनागिरी की गुफा से क्रिया योग की कथा

'श्यामा चरण इधर आओ '.द्रोणा गिरि के पर्वतों में गूंजती यह ध्वनि सुनाई देती है. इस घने जंगल, विचरण कर…

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‘कथा कहो यायावर’ देवेन्द्र मेवाड़ी की नई किताब

यह मन ही तो है, जो नन्हे बीजों को उगते, फूलों को खिलते, तितलियों को उड़ते, नदियों को बहते, झरनों…

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‘चले साथ पहाड़’ अरुण कुकसाल की नई किताब

इस दुनिया को बेहतर और जीवंत बनाने की पहल करने वाला वाला निश्चित ही एक घुमक्कड़ रहा होगा. भारी भरकम…

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