दिन गुजरा रातें बीतीं और दीर्घ समय अंतराल के बाद कागज काला कर मन को चटक बना, होठों पे मुस्कान…
किताब की पैकिंग खुली तो आकर्षक सा मुखपन्ना था, नीले से पहाड़ पर सफेदी के स्ट्रोक, गाढ़े हरे पीले बसंती…
पिछली कड़ी : बहुत कठिन है डगर पनघट की ब्रह्मपुरी की बात चली थी उन दिनों उत्तराखंड के भूगोल पर…
भारत की अर्थव्यवस्था विषमताओं के अनेक दुश्चक्रोँ का सामना कर रही है. विकसित देश अपरंपरागत आर्थिक नीतियों से आतंकित कर…
मौत हमारे आस-पास मंडरा रही थी. वह किसी को भी दबोच सकती थी. यहां आज उसी का राज था. हमारे…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते रहे जहाँ भेजा चला गया…
पिछली कड़ी : उसके इशारे मुझको यहां ले आये मोहन निवास में अपने कागजातों के ढेर से जूझते मेरे गुरु…
पिछली कड़ी : मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा पहले दिन उनका पहला पीरियड खत्म हुआ तभी से ये…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार मोड़ पार ऊँचे में बना…
मूल निवास व भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की ऋषिकेश में संपन्न महारैली से उत्तराखंड आंदोलन के समय उपजे जोश की…