कला साहित्य

गैरसैण एक शब्द है राजकोष का

गैरसैण एक शब्द है पानी की बची हुई बूंद को छाल की शिराओं में सँजोकर हरा होना सीखा था इसने…

5 years ago

बचपन की ओर यात्रा का अनूठा और ऐतिहासिक दस्तावेज है नेत्रसिंह रावत की किताब ‘पत्थर और पानी’

“जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया कि जैसे बस्ती और सभ्यता…

5 years ago

हिन्दी में लिख रहे नौजवान लेखक ‘गहन है यह अन्धकारा’ से खूब सारे सबक सीख सकते हैं

पुलिस को खबर मिलती है कि एक जली हुई सिर कटी लाश मिली है. पुलिस तफ्तीश करती है और कई…

5 years ago

ठेठ स्थानीय शब्द कुमाऊनी की रीढ़ हैं – कुमाऊनी भाषा की विशेषताएं

कुमाऊनी में सभी दीर्घ स्वरों के हृस्व रूप भी मिलते हैं. कहीं-कहीं यह हृस्वात्म्कता अर्थ्भेदक भी है. जैसे - (Main…

5 years ago

त्यौहार का दिन और जंगल की आग – विद्यासागर नौटियाल का एक संस्मरण

उन दिनों मेरे पिता टिहरी -गढ़वाल रियासत की राजधानी नरेन्द्रनगर के पास फकोट नामक स्थान पर तैनात थे. वहां एक…

5 years ago

अपने ही कलाकारों का तिरस्कार कर संस्कृति का कैसा महोत्सव मनाया जा रहा है अल्मोड़ा में

मैं ये बात अब कहना जरूरी समझता हूँ या अब चुप नहीं रहा जाता. कल ठीक इसी समय फ़ोन पर…

5 years ago

बनारस के निष्कलुष हास्य और शार्प विट से बुना गया है आशुतोष मिश्रा का पहला उपन्यास

'राजनैत' लेखक आशुतोष मिश्र का पहला उपन्यास है. अपनी पहली ही रचना में उन्होंने प्रवाहमय विट-संपन्न गद्य लिखा है. उनमें…

5 years ago

शैलेश मटियानी की एक अमर कहानी

पापमुक्ति - -शैलेश मटियानी Paap Mukti Story Shailesh Matiyani घी-संक्रांति के त्यौहार में अब सिर्फ दो ही दिन शेष रह…

5 years ago

बम्बइया पिक्चर की कहानी, दिल्ली की थकान और कुमाऊं का लोकगीत: देवेन मेवाड़ी की स्मृति में शैलेश मटियानी

सन् साठ के दशक के अंतिम वर्ष थे. एम.एस.सी. करते ही दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में नौकरी लग…

5 years ago

“प्रेमचंद और रेणु से बड़ी प्रतिभा थे शैलेश मटियानी” – राजेन्द्र यादव

हम सब जानते हैं कि उनकी शिक्षा नहीं हुई थी. मैट्रिक का इम्तहान वे नहीं दे पाए थे. पहाड़ की…

5 years ago