[पिछली कड़ी का लिंक : ठेठ कुमाऊंनी रामलीला का इतिहास – 1] 1900 से पूर्व अल्मोड़ा की एक मात्र रामलीला…
(जगमोहन रौतेला की रपट) कुमाउनी लोकजीवन के ऋतुरैंण, न्योली, छपेली, धुस्का व चैती आदि विभिन्न विधाओं की लोकप्रिय लोकगायिका रही…
ग्वल्ल ज्यू की जन्म भूमि ग्वालियूर कोट चम्पावत थी. इस ग्वालियूर कोट में चंद वंशी राई खानदान का राज्य था…
चंदवंशी राजा बालो कल्याण चंद ने जिस अल्मोड़ा शहर को 1563 में बसाया, उसी अल्मोड़ा शहर के स्व. देवी दत्त…
ट्रेल कुमाऊँ के दूसरे कमिश्नर रहे. उन्हीं के नाम पर पिथौरागढ़ और बागेश्वर के बीच के दर्रे को ट्रेल पास…
भैरव मंदिर से आगे कि ओर जहाँ गुरुद्वारा है, उसके पीछे की गली जो कसेरा लाइन से दूसरी ओर मिलती…
1856 से 1884 के बीच उत्तराखण्ड का कमिश्नर हेनरी रैमजे रहा. हेनरी रैमजे लार्ड डलहौजी का चचेरा भाई था. अंग्रेज…
उत्तराखण्ड के जनसरोकारों से जुडे क्रान्तिकारी छात्र नेता स्वर्गीय निर्मल जोशी "पण्डित" छोटी उम्र में ही जन-आन्दोलनों की बुलन्द आवाज…
खतड़ुवा उत्तराखंड में सदियों से मनाया जाने वाला एक पशुओं से संबंधित त्यौहार है. भादों मास के अंतिम दिन गाय की…
लंदन की एक गरीब बस्ती. एक सबसे अलग सा दिखता विचित्र अनाथ बालक भी था वहां. रद्दी अख़बार उसकी ज़िंदगी…