समाज

कुमाऊँ का अंग्रेज नवाब

1856 से 1884 के बीच उत्तराखण्ड का कमिश्नर हेनरी रैमजे रहा. हेनरी रैमजे लार्ड डलहौजी का चचेरा भाई था. अंग्रेज…

6 years ago

उत्तराखण्ड जन-आन्दोलनों की बुलन्द आवाज निर्मल पण्डित

उत्तराखण्ड के जनसरोकारों से जुडे क्रान्तिकारी छात्र नेता स्वर्गीय निर्मल जोशी "पण्डित" छोटी उम्र में ही जन-आन्दोलनों की बुलन्द आवाज…

6 years ago

आज है जानवरों के स्वास्थ्य से जुड़ा पर्व खतड़ुवा

खतड़ुवा उत्तराखंड में सदियों से मनाया जाने वाला एक पशुओं से संबंधित त्यौहार है. भादों मास के अंतिम दिन गाय की…

6 years ago

लंदन का एकलव्य – माइकल फैराडे

लंदन की एक गरीब बस्ती. एक सबसे अलग सा दिखता विचित्र अनाथ बालक भी था वहां. रद्दी अख़बार उसकी ज़िंदगी…

6 years ago

चंदवंशीय राजा बाज बहादुर चंद

राजा बाज बहादुर चंद कुमाऊं के चंदवंशीय शासकों में सबसे अधिक शक्तिशाली शासक रहे हैं. उनका बचपन बड़ा त्रासदीय रहा…

6 years ago

टोपी पहना दी जाती है तो कभी पहननी पड़ जाती है

टोपी का भी अपना इतिहास है. क्षेत्र व समुदाय से लेकर अपनी अलग पहचान बनाने के लिए भी टोपी पहनने…

6 years ago

उत्तराखण्ड का इतिहास भाग- 2

प्रागैतिहासिक काल- गढ़वाल और कुमाऊँ की पहाड़ियों और उनके तलहटी क्षेत्रों में प्रागैतिहासिक काल के संबंध में अभी तक अधिक…

6 years ago

जब नोबल पुरुस्कार विजेता अल्बर्ट आइंस्टीन बनें ड्राईवर !

जर्मनी के महान वैज्ञानिक और भौतिक शास्त्र में नोबल पुरुस्कार विजेता अल्बर्ट आइंस्टीन को सारी दुनिया जानती है. उन्होंने प्रकाश…

6 years ago

नन्दादेवी महोत्सव

नंदाकोट, नंदाकिनी, नंदाघूँघट, नंदाघुँटी, नंदादेवी, नंदप्रयाग, और नंदाभनार जैसे अनेक पर्वत चोटियाँ, नदियाँ तथा स्थल नंदा को उत्तराखण्ड में प्राप्त…

6 years ago

हम जाने भी कहां देंगे तुमको गिर्दा

उस साल यानी 2010 में अचानक एक याद बन गया गिर्दा. इतवार, 22 अगस्त का दिन था. बारह बजे के…

6 years ago