जन

हमारे बचपन में अभावों का भी बढ़ा भाव था

नोस्टालजिया का झरोखा तो सुकून देता ही है जनाब! चाहे वह कितना ही अभावों भरा क्यों न हो. लेकिन सच…

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द्रोणागिरि के लोग आज भी क्यों भगवान हनुमान से नाराज हैं : तीस साल पुरानी रिपोर्ट

प्रकाश पुरोहित जयदीप द्वारा लिखा गया ये आलेख बहुत लोकप्रिय है. नब्बे के दशक में लिखे गये इस आलेख के…

4 years ago

लाड़ से भरे बचपन के गीतों की किताब : घुघूति बासूति

घुघूति बासूतीआमा कां छ?खेत में छ.कि करन रे छ?(Ghughuti Basuti Uttarakhand Children Songs) दुनिया के किसी भी कोने में जब…

4 years ago

घट के पाट और चोखी बसंतमूली की सब्जी

ह्यून में अच्छा झड़ पड़े और बसंत में डाल न बरसे तो हमारे गाँव में इतना गेहूं तो हो जाता…

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जिन्होंने अपनी रांच पर पहाड़ को बुना…

जब बर्फ पिघल कर नदियों को जवान कर रही थी और बुरांश पहाड़ को रक्तिम, तब रेशम की लकीरों पर…

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फुलदेई : बसंत-पुजारी पहाड़ी बच्चों की आस का पर्व

बसंत पंचमी से प्रारम्भ बसंत मैदानी क्षेत्र में होली के साथ विदा ले लेता है पर पहाड़ में ये बैसाखी…

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उत्तराखंड के बजट में मेधावी बच्चे क्यों ढूंढ रहे हैं लैपटॉप और स्मार्टफोन

बात 2017 की है. यूपी में सरकार द्वारा मेधावी छात्रों को लेपटॉप और स्मार्ट फोन देने जैसी कोई योजना का…

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शहीद के आखिरी शब्द: जोशी तैयारी करो, मैं रोज़ा आपके पास ही तोड़ूंगा

28 नवंबर 2001, पवित्र रमज़ान का महीना, सोपोर, कश्मीर. सर्दियों का मौसम अपने यौवन पर. मेरे मुस्लिम साथी सैनिक रोजे…

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सरकारी स्कूलों के बच्चों से जानिये क्यों जा रहे हैं लोग पहाड़ों को छोड़ कर

बाल शोध मेला (सीखने- सिखाने की अनूठी पहल) सरकारी विद्यालयों में होते नवाचार 8 फ़रवरी 2020 स्थान: पिथौरागढ़ विद्यालय: राजकीय…

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विश्व रेडियो दिवस पर कुमाऊं के पहले सामुदायिक रेडियो की कहानी

कुमाऊं का पहला सामुदायिक रेडियो ‘कुमाऊं वाणी’ आज वर्ल्ड रेडियो डे के मौके पर 9 साल 11 माह 2 दिन…

4 years ago