जन

आप खुद कर सकते हैं मोटे तौर पर कुण्डली मिलान

शादी ब्याह के लिए रिश्ते की शुरूआत वर एवं कन्या के कुण्डली मिलान से होता है. कुण्डली मिलान के लिए…

4 years ago

झन दिया बौज्यू शराबी घर, शराबी देखि लागछि डर

इस बात में शायद ही दो राय हो कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अर्थव्यवस्था की रीढ़ यहां की महिलायें…

4 years ago

कुटी गाँव और वहाँ के लोगों की तस्वीरें

बताया जाता है कि पांडव जब स्वार्गारोहण को जा रहे थे तो इस स्थान पर लम्बे वक़्त के लिए रुक…

4 years ago

ऐसे बनायें घर पर ही शुद्ध पिठ्या

हिन्दू परिवारों में कोई उत्सव हो अथवा पारिवारिक रस्म, पिठ्या (रोली) के बिना रस्म पूरी नहीं होती. अमूमन लोग बाजार…

4 years ago

बाबिल घास : पहाड़ की बहुउपयोगी घास

बाबिल, जिसे गढवाल क्षेत्र में बाबड़ नाम से भी जाना जाता है, पहाड़ी क्षेत्रों में चट्टानों पर उगने वाली एक…

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काली नदी की नरभक्षी मछली और चिता से तीन बार वापस आये नेपाली बुबू का किस्सा

टीवी में बहुत ही रोचक कार्यक्रम आ रहा था  जिसका विषय था-दानव मछली.  यानी ऐसी बड़ी-बड़ी मछलियाँ जो रहती तो…

4 years ago

उतरैणी कौतिक बागेश्वर से एक्सक्लूसिव तस्वीरें

सरयू और गोमती के तट पर लगता है उत्तरायणी कौतिक. इस कौतिक में शामिल होते हैं आस-पास के सैकड़ों गांवों…

4 years ago

काले कौआ : ले कौवा पुलेणी, मी कें दे भल-भल धुलेणी

पूस की कुड़कुड़ा देने वाली ठंड, कितना ही ओढ़ बिछा लो, पंखी, लोई लिपटा लो कुड़कुड़ाट बनी  रहती. नाक से भी…

4 years ago

धारचूला के रं लोगों से सीखना चाहिए अपनी भाषा बोली का सम्मान करना

कोई भी संस्कृति अपनी भाषा बोली को संरक्षित किये बगैर लम्बे समय तक जीवित नहीं रह सकती. यह बात छोटी…

4 years ago

अपने गांव फिर आना प्यारी दीदी, प्यारी बेटी: गंगोत्री गर्ब्याल की याद

गंगोत्री गर्ब्याल की आत्मकथा ‘यादें’ की भूमिका में-डा. आर.एस.टोलिया के लिखा है - ‘‘प्रसिद्ध इतिहासविद् डा. शिव प्रसाद डबराल ने…

4 years ago