जन

पहाड़ के अनूठे चरित्रों के प्रतिनिधि हैं श्रीकोट के गुयां मामा

मानवीय बसावत में जीवन के कई रंग दिखाई देते हैं. ये बात अलग है कि कुछ रंगों को हम अपनी…

4 years ago

पहाड़ी तकिया कलाम नहीं वाणी की चतुरता की नायाब मिसाल है ठैरा और बल का इस्तेमाल

आम पहाड़ियों में ठैरा और बल शब्द जाने-अनजाने उनका पीछा नहीं छोड़ते. सुदूर  महानगरों में रहने वाले लोग भी जो…

4 years ago

ऐतिहासिक द्वाराहाट में ईसाईयत की सांझी विरासत की अमिट छाप

आजकल प्रायः कुमाऊँ इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए उल्लेख होने वाले द्वाराहाट नगर के सम्बन्ध में किवदंती रही है कि कुमाऊँ…

4 years ago

कहते हैं पहाड़ियों का भाग, भागकर ही जागता है

प्रवास अर्थात अपने मुल्क से दूर गैर मुल्क में बस जाना. ये गैर मुल्क अपने देश में भी हो सकता…

4 years ago

पिथौरागढ़ के देवसिंह फील्ड का नाश करने एकबार फिर वापसी हुई है शरदोत्सव की

पिथौरागढ़ जिले के बीच में एक मैदान है दुनिया इसे देवसिंह फील्ड नाम से जानती है. दुनिया जानती है इसलिये…

4 years ago

झड़पातली : पहाड़ियों का टाइमपास

वैसे तो पहाड़ के लोगों के पास इतना टाइम ही नहीं होता की उसे पास किये जाने के लिए कुछ…

4 years ago

झोली तो झोली, हमारे कुमाऊं की गुड़झोली भी किसी से कम नहीं

झोली का नाम झोली ही कैसे पड़ा इस बारे में विद्वानों के अपनी अपनी बुद्धि और तजुर्बे के हिसाब से…

4 years ago

खजूरे, गुड़पापड़ी, खिरखाजे और च्यूड़े – पहाड़ का पारम्परिक फास्ट फूड

पिज्जा, बर्गर और फास्ट फूड के इस दौर में यदि उत्तराखण्ड के परम्परागत व्यंजनों की बात करें तो आधुनिक पीढ़ी…

4 years ago

नैनीताल की ठंडी सड़क, कॉलेज के वे दिन और ठंड में मूँगफली खाना

"चाँद के उस पार चलो" फिल्म टेलीविजन पर चल रही है. फिल्म के अन्तिम दृश्य नैनीताल के मैदान में फिल्माया…

4 years ago

‘पलायन एक चिंतन’ समूह का पर्वतीय आजीविका उन्नयन कार्यक्रम

हर व्यक्ति का अपने मूल, विशेषकर जन्मस्थान के साथ बड़ा भावनात्मक जुड़ाव रहता है. मेरा जन्म उत्तराखंड के जनपद पौड़ी…

4 years ago