जन

धारचूला के तेनसिंह को सलाम जिसने भांडमजुवा बनने की बजाय खुद्दारी से जिया अपना जीवन

आज किसी भाई ने अपने फेसबुक पोस्ट में 'भांडमजुवा' शब्द का प्रयोग किया है. वही भांडमजुवे जो अपने गांवों से…

4 years ago

रानीखेत की वादियों से रमजानी की ‘काफल ले लो’ की पुकार गुम हो गयी

काफल के समय काफल के नोस्टाल्जिया पर अक्सर बात होती ही है लेकिन इसी को सकारात्मक तरीके से देखें तो…

4 years ago

मुक्तेश्वर में मनोज बाजपेयी से एक्सक्लूसिव बातचीत

अपने शानदार और मौलिक अभिनय से हिंदी सिनेमा में अपना लोहा मनवाने वाले मनोज बाजपेयी इन दिनों कुमाऊं के मुक्तेश्वर…

4 years ago

नैनीताल के ओखलकांडा में दलित भोजन माता का बनाया खाना खाने से इनकार

कोरोना महामारी के दौर में भी उत्तराखण्ड के सवर्णों पर जातिवादी दंभ का नशा सर चढ़कर बोल रहा है. ताजा…

4 years ago

गुजरे जमाने के स्कूलों के बहाने पचास साल पुराने पहाड़ की याद

पिछली सदी के साठ का दशक वह दौर था, जब  शिक्षा का मतलब केवल शिक्षा होता था, शिक्षित होकर ओहदा…

4 years ago

आपने कभी मुस्कान की सब्जी खाई है?

बहुत लजीज,पौष्टिक और कम समय पर पकने वाली. केवल नमक और तेल के साथ ही गजब का स्वाद देने वाली.…

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दिल्ली में प्याज काटने के ऑफिस जाने से कहीं बढ़िया हुआ अपने गांव में खेतीबाड़ी का अपना काम

बालम उर्फ बाली के पास बैलों की एक जोड़ी थी. वह मेहनती था और व्यवहार कुशल भी, जिसके चलते वह…

4 years ago

उत्तराखंड के जाबांज सैनिकों के लिये एक कुमाऊनी गीत मुम्बई से

उत्तराखंड में सैनिकों को समर्पित एक बड़ा लोकप्रिय गीत है - घुघूति न बासा, आम की डाई में घुघूति न…

4 years ago

कफल्टा से श्रीकोट तक उत्तराखंड का जातिवादी चेहरा

प्रसिद्ध समाज सुधारक हरिप्रसाद टम्टा ने सन् 1935 में लिखा कि ‘सन् 1911 में जार्ज पंचम के अल्मोड़ा आगमन पर…

4 years ago

प्राइवेट स्कूल से होड़ लगाता गंवई इस्कूल और जौनसारी बच्चों की ताहिरा मैडम

सरकारी स्कूल के बच्चों और शिक्षा की बात चलती है तो साधारण रूप से मन में शिक्षा में पिछड़े, उद्दंड…

4 years ago