भुवन चन्द्र पन्त

उत्तराखंड के इस गांव का नाम अमरीका क्यों पड़ा

यदि आपके पास पासपोर्ट और वीजा नहीं है, कोई टेंसन की बात नहीं, आप बेखौफ अमरीका की सैर कर सकते…

1 year ago

पहाड़ी मूली नहीं है मामूली

‘किस खेत की मूली’ (कमजोर या अधिकारविहीन, ‘मूली-गाजर समझना’ (कमजोर) और ‘खाली मूली में’ (व्यर्थ में) जैसी लोकोक्तियां अथवा वाक्यांश…

2 years ago

1880 की त्रासदी से भी सबक नहीं ले पाये नैनीतालवासी

सन् 1880 का वह दौर, जब नैनीताल में मानवीय दखल न के बराबर थी. 1841 में खोजे गये इस शहर…

2 years ago

बादलों में भवाली: भवाली की जड़ों को टटोलती किताब

अंग्रेजी वर्तनी के अनुसार भोवाली, अतीत में भुवाली और अब भवाली नाम से जाना जाने वाला यह छोटा सा कस्बा…

2 years ago

बेमौत ज़मींदोज़ हुए लोगों की भटकती आत्माएं ट्वाल के रूप में दिखती हैं

पहाड़ की लोक परम्पराओं, लोक आस्थाओं एवं लोकपर्वों की विशिष्टता के पीछे देवभूमि के परिवेश का प्रभाव तो है ही…

2 years ago

चाय से जुड़े अफसाने, चाय दिवस के बहाने

चाय हमारे हिन्दुस्तानी समाज में कुछ इस तरह रच-बस चुकी है कि वह अब केवल राष्ट्रीय पेय ही नहीं रहा,…

2 years ago

‘बेड़ू पाको बारामासा’ लोकगीत पर एक विमर्श

लोक के क्षितिज से उपजा और अन्तर्राष्ट्रीय फलक तक अपनी धमक पहुंचाने वाला कुमाऊॅ के सुपर-डूपर लोकगीत ‘बेड़ू पाको बारामासा’…

2 years ago

स्वै- पहाड़ के गांवों की गाइनो और उससे जुड़ी रवायतें

पहाड़ चढ़ना जितना मुश्किल होता है, उस पर जिन्दगी बसर करना भी किसी चुनौती से कम नहीं होता. जीवन की…

2 years ago

दादी-नानी के नुस्खे वाली पंजीरी घर पर ऐसे बनायें

जाड़ों का मौसम हो तो अक्सर हमें गर्म तासीर वाली चीजों की आवश्यकता महसूस होने लगती है. विशेष रूप से…

2 years ago

शहादत के पचास वर्ष और वीरांगना की संघर्षपूर्ण दास्तां

देश की सेना के शौर्य परम्परा  की गौरवपूर्ण गाथा में 16 दिसम्बर 1971 का दिन स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया,…

2 years ago