भुवन चन्द्र पन्त

शहादत के पचास वर्ष और वीरांगना की संघर्षपूर्ण दास्तां

देश की सेना के शौर्य परम्परा  की गौरवपूर्ण गाथा में 16 दिसम्बर 1971 का दिन स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया,…

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सम्प्रेषण की अद्भुत क्षमता रखते हैं कुमाऊनी लोकभाषा के समयबोधक शब्द

शब्द अथवा शब्दों के समुच्चय से कोई भाव या विचार बनता है. यदि मात्र एक शब्द से ही हम किसी…

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जिनके बिना अधूरा है पिथौरागढ़ में ‘टकाना की रामलीला’ इतिहास

टकाना रामलीला का प्रारम्भ से अब तक का सफर व मंचन बहुत ही सुन्दर, सराहनीय और लोकप्रिय रहा है. हमेशा…

3 years ago

नैनीताल के डुट्याल व उनसे जुड़े रोचक किस्से

डुट्याव या डुट्याल शब्द जेहन में आते ही एक बेवकूफ, बेशऊर, बदनुमा से इन्सान का चित्र उभरता है- पसीने से…

3 years ago

चरैवेति चरैवेति के संदेश से अभिप्रेरित था ‘प्रताप भैया’ का व्यक्तित्व: पुण्यतिथि विशेष

वर्ष 1975 के जनवरी माह की कोई तारीख रही होगी, सही से याद नहीं, लेकिन इतना अवश्य याद है कि…

3 years ago

ऐड़ी: ऊंचे शिखरों पर रहने वाले लोक देवता

गांव में यह परम्परा थी कि जब भी गाय ब्याती (प्रसव) तो 22 दिन पूरे होने पर उस गाय का…

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पाइन्स तब हमारे लिए ‘पेनल्टी प्वाइन्ट’ हुआ करता

पर्यटक देशी हो अथवा विदेशी अथवा सूदूर पहाड़ों के गंवई हों, नैनीताल को एक बार देखने की चाहत सभी में…

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बचपन में दशहरा द्वारपत्र बनाने की ख़ुशगवार याद

जब हम छोटी कक्षाओं के छात्र हुआ करते और बड़े भाई जो घर के मुखिया भी थे, पुरोहिती का कार्य…

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ब्रह्मलीन होने से पहले सिद्धि मां को लिखी नीम करोली बाबा की एक पंक्ति

श्रद्धालुओं में निराशा है कि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते 15 जून को कैंचीधाम में आयोजित होने वाला मन्दिर की…

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गाली में भी वात्सल्य छलकता है कुमाउनी लोकजीवन में

किसी भी सभ्य समाज में गाली एक कुत्सित व निदंनीय व्यवहार का ही परिचायक है, जिसकी उपज क्रोधजन्य है और…

3 years ago