कॉलम

पिछले दरवाजे से भीतर घुसना ही हमारी संस्कृति का प्रतीक है

पिछला दरवाजा बड़ा चमत्कारी होता है. आगे के दरवाजे पर बैठा हुआ संतरी जिसे भीतर घुसने से रोक लेता है…

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उत्तराखण्ड की वादियों में घुलता नशा

नशा एक सामाजिक समस्या उत्तराखण्ड राज्य की प्रमुख सामाजिक समस्याओं की बात की जाये तो उनमें नशा प्रमुख समस्या के…

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मोत्दा-च्चा-बड़बाज्यू की दैहिक कहानी का अंत

फरहत का परिवार हमारे पड़ोस में रहता था. चूल्हे-चौके की तमाम गोपनीयता के बावजूद दोनों परिवार लगभग एक ही छत…

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पिथौरागढ़ मूल के थे भारतीय राष्ट्रगान की बैंड धुन बनाने वाले कैप्टन राम सिंह ठाकुर

इस बात को सभी लोग जानते हैं हैं कि भारतीय राष्ट्रगान रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था. भारत का…

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तो जाना ही पड़ा लखनऊ से

कहो देबी, कथा कहो – 38 पिछली कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 37 शहर लखनऊ में जब हम कायदे…

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नैनीताल अब कभी नहीं सुन सकेगा मोहनदा के सुर-ताल

नैनीताल में रहने वाला शायद ही कोई ऐसा वांशिदा हो जो मोहनिया या मोहन या मोहन दा को न जानता…

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इसलिए मैं हरीश बम उर्फ हरसू का आज भी कायल हूं

पहाड़ और मेरा जीवन – 26 ठूलीगाड़ में गुजारे दिनों की बात चल रही है, तो किस्से पर किस्से याद…

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सड़क को सड़क नहीं, अपना घर समझो

वे पुलिस के बड़े अधिकारी थे और हमारे बचपन के मित्र भी. कल जब वे बहुत दिन बाद शहर आये…

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पड़ोसन: ऑल टाइम क्लासिक रोमांटिक कॉमेडी

किंवदंतियों के मामले में पड़ोसन (1968) शायद शोले के बाद दूसरे नंबर पर पड़ती होगी. हिंदी सिनेमा के इतिहास में…

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कथाकार पंकज बिष्ट को इस वर्ष का राजकमल चौधरी स्मृति सम्मान

कथाकार पंकज बिष्ट को इस वर्ष के राजकमल चौधरी स्मृति सम्मान (Rajkamal Chaudhari Memorial Award 2019) के लिए चुना गया…

5 years ago