दोपहर का समय होगा जब अचानक ही मेरा प्लान कपिलेश्वर महादेव के मंदिर जाने का बन गया और मैं निकल गयी कपिलेश्वर महादेव मंदिर के लिये. अल्मोड़ा जिले के इस मंदिर को पर्यटन के नजरिये से बहुत ज्यादा नहीं जाना जाता है पर इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व काफी ज्यादा है.
मैं गरमपानी के पास पहुँची ही थी कि अचानक ही बादल घिर आये और तेज बारिश शुरू हो गयी. इस रास्ते में बारिश के दौरान ऊपर की पहाड़ियों से पत्थर हमेशा ही गिरते रहते हैं वो बात अलग है कि ये सड़क भी अब ऑल वेदर रोड के अंतर्गत आती है. अल्मोड़ा से क्वारब पुल होते हुए, मैं मौना-ल्वेशाल की ओर निकल गयी. बारिश अभी भी लगातार हो रही है. इस समय बारिश होने से एक ही बात अच्छी हुई कि जंगलों की आग बुझ गयी और चारों तरफ जो धुंए की चादर फैल गयी थी वो गायब हो गयी. मौना से एक सड़क नीचे की ओर जा रही है जिसमें लगभग 11 किमी नीचे नदी की ओर चली गयी. यह सड़क सीधे कपिलेश्वर महादेव मंदिर की ओर ही जाती है पर रास्ते मे एक पुल जो नदी के ऊपर बना है उसके टूटा होने के कारण मुझे लगभग एक कि.मी. पैदल जाना पड़ा. बारिश अभी भी लगातार बनी हुई है.
कपिलेश्वर मंदिर को भी कुमाऊँ में बने अन्य मंदिरों की तरह कत्यूरी शासकों ने 8वी-9वीं सदी में बनवाया था इसलिये इसका शिल्प भी बाकी के मंदिरों जैसा ही है. इस मंदिर को बनाने के लिये स्थानीय हल्के भूरे रंग के पत्थरों का ही उपयोग किया गया है. दीवारों की बनावट भी कत्यूरी शैली के अन्य मंदिरों जैसी ही है. मुख्य मंदिर के द्वार में यहाँ पर भी दो मुर्तियां बनी हुई हैं हालांकि मुझे इनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी.
कपिलेश्वर मंदिर शिव का मंदिर है जो शकुनि व फड़का नदी के संगम पर बना है. शकुनि नदी चायखान और फड़का नदी मोतियापाथर से निकलती हैं. नदियों के बीच स्थित मंदिर की बनावट को देख के ऐसा लगता है कि जैसे ये दो नाग रूपी नदियों के बीच में स्थित है. इस मंदिर का मुख्य मंदिर थोड़ा टेढ़ा हो गया है. कुछ लोगों का मानना है कि भू-धंसाव के कारण मंदिर झुक रहा है पर स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर में दो नागों का युद्ध हुआ था जिस कारण यह मंदिर झुक गया है.
मुख्य मंदिर के अंदर शिव का लिंग है जो स्वयं ही निर्मित हुआ है. इस मंदिर में पूजा करने का अधिकार नाथ परंपरा के गोस्वामी परिवारों को है. गोस्वामी परिवार वर्षों से यहां पूजा का कार्य कर रहे हैं.
इस मंदिर से जुड़ी एक जनश्रुति के अनुसार मौना के मंदिर और कपिलेश्वर के मंदिर में दो नाग रहते थे. उन नागों में शर्त लगी कि एक-दूसरे के मंदिरों को कौन जल्दी तोड़ता है इसलिये कपिलेश्वर मंदिर में रहने वाला नाग मौना के मंदिर और मौना के मंदिर का नाग कपिलेश्वर के मंदिर को तोड़ने के लिए आये. कपिलेश्वर के नाग ने मौना के मंदिर को तहस-नहस कर दिया पर मौना के नाग ने जैसे ही कपिलेश्वर के मंदिर को तोड़ने के लिए फंदा लगाया कपिलेश्वर का नाग आ गया और उसने मौना के नाग को अपनी जीत के बारे में बताया जिसे सुनने के बाद मौना का नाग वापस चला गया.
इस मंदिर के सामने बहने वाली नदी के किनारे पत्थरों में आज भी सफेद रंग के निशान हैं जो पानी के अंदर तक भी दिखायी देते हैं. लोगों का मानना है कि ये उसी नाग के निशान हैं. बारिश होने के कारण पानी के अंदर के निशान बहुत ज्यादा साफ नहीं दिखायी दे रहे हैं.
कपिलेश्वर महादेव के मंदिर को पुरातत्व विभाग ने संरक्षित किया है और यहाँ की मुख्य वस्तुओं को निकाल कर अलग से म्यूजियम बनाने का काम भी शुरू किया गया है. बारिश लगातार बनी रही जिस कारण बहुत ज्यादा तस्वीरें ले पाना मुश्किल हो गया इसलिये अभी के लिये कुछ ही तस्वीरें यहाँ पोस्ट कर रही हूँ :
वाट्सएप में पोस्ट पाने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online
विनीता यशस्वी
विनीता यशस्वी नैनीताल में रहती हैं. यात्रा और फोटोग्राफी की शौकीन विनीता यशस्वी पिछले एक दशक से नैनीताल समाचार से जुड़ी हैं.
पंचाचूली बेस कैम्प : विनीता यशस्वी का फोटो निबंध
जलौनीधार एक छोटा मगर प्यारा सा बुग्याल
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी.…
कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल…
‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया…
वनस्पति जगत के वर्गीकरण में बॉहीन भाइयों (गास्पर्ड और जोहान्न बॉहीन) के उल्लेखनीय योगदान को…
पृथ्वी दिवस पर विशेष सरकारी महकमा पर्यावरण और पृथ्वी बचाने के संदेश देने के लिए…
पहाड़ों खासकर कुमाऊं में चैत्र माह यानी नववर्ष के पहले महिने बहिन बेटी को भिटौली…
View Comments
बहुत ही सुंदर स्थान का वर्णन, कभी अवश्य इस मंदिर के दर्शन करूँगा।
Whatsapp group full dikha raha add nai ho paaya m plz add me 7409889057
Very informative.
very nice knowledge of Kapileshwar Mahadev Mandir, Mona Laishwal