कॉलम

बड़े-बड़े गुण वाला बड़ी का साग

हिमाचल वाला किस्सा यहां भी दोहराया गया. फर्क सिर्फ ये है कि शिमला में शर्मा जी थे और यहां हल्द्वानी…

5 years ago

इतनी कोफ़्त होने से आदमी कोफ्ता हो जाता है

थोथा देई उड़ाय-2 मुझे इस बात की भी कोफ़्त है खुद से, कि आज तक मेरा कलियुगी महासंस्कार नहीं हुआ.…

5 years ago

एक कमरा, दो भाई और उनके बीच कभी-कभार होती हाथापाई

पहाड़ और मेरा जीवन – 41 पिछली कड़ी: आपकी एक छोटी-सी पहल कैसे आपका मुकद्दर संवार सकती है आज कुछ…

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उत्तराखण्ड में विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता खतरे में

उत्तराखण्ड में विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पूरी तरह से खतरे में पड़ गई है. वैधानिक अधिकार न होने के बाद भी…

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पूरा अपना ही है देहरादून : राजेश सकलानी की कविता

देहरादून निवासी युवा कवि राजेश सकलानी के पिछले कविता संग्रह पुश्तों का बयान का में कवि और उसकी कविता के…

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बरसात की पहली लौकी लोक परम्परानुसार भूमिया देवता को अर्पित

इस साल काफी मेहनत के बाद लौकी व कद्दू की बेल अच्छी हुई है. लौकी में बालमृत्यु दर बहुत ज्यादा…

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डाना गैराड़ के कलबिष्ट देवता की शरण में

चरवाहे लोकदेवता कलबिष्ट की शरण में (एक लोक देवता के अंकुरण की पृष्ठभूमि)-बटरोही इतने सालों के बाद क्या उसका यह…

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माट गाँव, कसारदेवी की चारु मेहरा और उसका हिमालयन हिप्पीज कैफे

अल्मोड़ा से छः किलोमीटर दूर कसारदेवी पिछले पांच दशकों से अधिक समय से दुनिया भर के यात्रियों-संगीतकारों-दार्शनिकों-अध्येताओं और साहित्यकारों को…

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उसके दामन की खुशबू हवाओं में है

हिंदी सिनेमा का एक सेट फार्मूला रहा है— नायक-नायिका. दोनों में अमीरी-गरीबी की खाई. इस खाई को पाटने की जद्दोजहद…

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मैं पहाड़ी हूं लेकिन गैरसैंण राजधानी का समर्थक नहीं

मैं पहाड़ी हूं बेरीनाग के बिनवा की तरह जिसने कुछ दिन पहले बेरोजगारी के कारण नुवान खाकर जान दे दी.…

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