नाहिद में 'यादों की बारात' लगी थी. जमाने के टाइम के तकाज़े के हिसाब से हम चार दोस्त जीनातमान के…
जेठ-आषाढ़ की तप्त गर्मी और हाड़ तोड़ देने वाली धान की रोपाई के बाद सावन के घुमड़ते मेघ पहाड़ों के…
अमूमन हर आदमी को कोई न कोई शौक-शगल-खब्त-आदत-लत होती है. फेहरिश्त काफी लंबी हो सकती है. इसमें कचहरी जाना भी…
आज पिथौरागढ़ जिले कुमौड़ गांव में हिलजात्रा का उत्सव मनाया जा रहा है. कुमौड़ की हिलजात्रा का मुख्य पात्र लखियाभूत…
पिथौरागढ़ के कुमौड़ गांव में आज शाम हिलजात्रा का आयोजन किया जायेगा. हिलजात्रा पिथौरागढ़ में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला…
किसान और आत्महत्या -हरीश चन्द्र पाण्डे उन्हें धर्मगुरुओं ने बताया था प्रवचनों मेंआत्महत्या करने वाला सीधे नर्क जाता हैतब भी…
सिकुड़ती पहाड़ी मंडियां और बाजार : यह उत्साहित करते चित्र आगराखाल, टिहरी गढवाल बाजार के हैं, जहां इन दिनों उत्साह…
तथाकथित विकास के नाम पर वर्षों पुराने हरे पेड़ काटने वालो इसकी हाय से बचोगे नहीं तुम देख लेना. पूछ…
पितृ पक्ष निकट है और सनातनी समाज में इस अवसर पर अपने पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण एवं श्राद्ध…
पहाड़ और मेरा जीवन -45 पिछली क़िस्त : बद्रीदत्त कसनियाल- जिनके सान्निध्य में कब पत्रकार बना, पता ही न चला…