कॉलम

कुमाऊँ के बियावान जंगलों में रहने वाले कठपतिया का किस्सा

कठपतिया के बारे में बचपन से सुनते आया था, कुछ दिन पूर्व इसी पोर्टल पर प्रख्यात कथाकार बटरोही जी के…

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कायनात की तमाम साज़िशों के बावजूद गणित’ज्ञ’ नहीं हो सके हम

कायनात की तमाम साज़िशों के बावजूद गणित'ज्ञ' नहीं हो सके हम. 'क' पर ही निपट लिया मामला. उतनी ही गणित…

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वह भी एक दौर था

अतीत की स्मृतियों में  अभी भी ताजा है वो सब-- मेरी उम्र की पूरी जमात हंसी-खुशी स्कूल जाती थी, टाट…

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नये ट्रैफिक नियमों के बाद चौराहे पर काबिलियत दिखाने को लालायित हैं पुलिस वाले

आज चौराहों पर बडी हलचल है.  पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और उनके सहयोगी होमगार्ड वाले मुस्तैदी से तैनात हैं. ऐसा नहीं…

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पर्वतों की रानी मसूरी का इतिहास

मसूरी पहला हिल स्टेशन था, जहां स्थानीय स्वशासन की व्यवस्था की गई. वेल्स बंदोबस्त के बाद सन् 1842 के नियम…

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शिक्षक दिवस के बहाने पहाड़ के पुराने प्राइमरी स्कूल

इस बात से सभी इत्तेफाक रखते हैं कि आज के दिन अगर कोई अपना बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ा रहा…

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क्या आप जानते हैं उत्तराखंड के इतिहास में 5 सितम्बर का महत्व

उत्तराखण्ड में स्थित अल्मोड़ा जनपद का पश्चिमी सीमावर्ती इलाका सल्ट कहलाता है. तीखे ढलान वाले रुखे-सूखे पहाड़, पानी की बेहद…

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अमीषा चौहान: एवरेस्ट समेत तीन महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटियां फतह करने वाली उत्तराखण्ड की बेटी

कभी-कभी ऐसा लगता है कि जीवन में आप खुद को जिस मकसद के लिए तैयार कर रहे थे वह आपकी…

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बात सन दो हज़ार पचास की

बात सन दो हज़ार पचास की है. ये वो समय था जब युवा विभिन्न वीडियो साइट्स पर डालने के लिये…

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कलकत्ता कथा समारोह 1982 : जब भारतीय भाषाओं का नेतृत्व हिंदी करती थी

भारतीय भाषाओं के शीर्षस्थ कथाकारों का समागम : ‘कलकत्ता कथा समारोह, 1982’ : जब भारतीय भाषाओं का नेतृत्व हिंदी करती…

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