कॉलम

हिन्दी में लिख रहे नौजवान लेखक ‘गहन है यह अन्धकारा’ से खूब सारे सबक सीख सकते हैं

पुलिस को खबर मिलती है कि एक जली हुई सिर कटी लाश मिली है. पुलिस तफ्तीश करती है और कई…

5 years ago

मासी जैसी छोटी सी पहाड़ी जगह में मैराथन – पहाड़ से एक और अलख

अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया ब्लॉक के तल्ला गेवाड़ में एक छोटी सी बसासत है मासी. रामगंगा नदी के पूर्वी किनारे…

5 years ago

गरमपानी की बाज़ार और उसका ब्रांडेड रायता

राई को लाल खुस्याणी, पहाड़ी हल्द-धनिये के बीजों  के साथ सिलबट्टे में खूब पीस लेते हैं. फिर कोर कर निचोड़ी…

5 years ago

एक ज़माने में तराई-भाबर का भी इकलौता बाजार था हल्द्वानी का मंगल पड़ाव

हल्द्वानी में पहले हल्दू के पेड़ बहुतायत में हुआ करते थे इसलिए उसे हल्द्वानी कहा जाने लगा. वर्तमान हल्द्वानी के…

5 years ago

टिहरी-उत्तरकाशी में बारह साल बाद नील कुरेंजी की बहार आई है बल

दूर उत्तराखंड के पहाड़ों से रैबार देने वाले पत्रकार साथी संजय चौहान और शैलेंद्र गोदियाल का कहना है कि उत्तरकाशी…

5 years ago

ऐसे बना था नीमकरौली महाराज का कैंची धाम मंदिर

अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के सन्त बाबा नीम करौली अथवा नीब करौरी के चमत्कारों के संबंध में प्रचुर साहित्य उपलब्ध है न…

5 years ago

भट के डुबके हों या गडेरी की सब्जी गंदरायणी के बिना सारे अधूरे

मेरे दादा के समय तक के किस्से मैंने बचपन में खूब सुने. जितने भी किस्से सुने उनमें एक किस्सा होता…

5 years ago

मिस उत्तराखंड के ख़िताब के बाद दर्जनों फ़िल्में करने वाली लावण्या त्रिपाठी

साल 2006 में मिस उत्तराखंड का खिताब देहरादून की लावण्या त्रिपाठी ने जीता था. दक्षिण भारत के मशहूर फिल्म निर्माता…

5 years ago

ठेठ स्थानीय शब्द कुमाऊनी की रीढ़ हैं – कुमाऊनी भाषा की विशेषताएं

कुमाऊनी में सभी दीर्घ स्वरों के हृस्व रूप भी मिलते हैं. कहीं-कहीं यह हृस्वात्म्कता अर्थ्भेदक भी है. जैसे - (Main…

5 years ago

त्यौहार का दिन और जंगल की आग – विद्यासागर नौटियाल का एक संस्मरण

उन दिनों मेरे पिता टिहरी -गढ़वाल रियासत की राजधानी नरेन्द्रनगर के पास फकोट नामक स्थान पर तैनात थे. वहां एक…

5 years ago