कॉलम

सभी विश्विद्यालयों की फीस जेएनयू की तरह कम होनी चाहिए

जेएनयू अपनी स्थापना से लेकर 2015 तक कभी इतना लाइमलाइट में नहीं रहा जितना पिछले कुछ वर्षों में रहा है.…

4 years ago

लछिमा कैंजा भूत बनकर अपने ससुराल वालों के घर गई

कैंजा दूसरे नंबर की थी. उसकी परवरिश कुछ उपेक्षा के साथ हुई थी. नाम था लछिमा. इजा कहती थी, वह…

4 years ago

कुछ तो करना है पहाड़ के लिए

बीस साल तक दुनिया-जहान में तमाम धकापेल कारपोरेट नौकरियां करने के बाद मार्च की एक रात सिड कपूर को उसकी…

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मडुए की रोटी और हरिया साग गुमनाम क्यों

मक्के की रोटी और सरसों का साग, एक ऐसी भारतीय डिश है जिसे आप किसी भी स्तरीय रेस्टोरेंट के मैन्यू…

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रामकरेला: स्वाद, पौष्टिकता और औषधीय गुणों से भरपूर पहाड़ी सब्जी

जब से आधुनिक जीवनशैली और खानपान ने इंसान का हर तरीके से बेड़ा गर्क करना शुरू किया तभी से प्राकृतिक…

4 years ago

जब राष्ट्रीय स्तर के नेता भी हल्द्वानी में बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के भाषण देते थे

आजादी की लड़ाई में बहुत बड़ा योगदान देने वालों और बाद में क्षेत्र का नेतृत्व करने वालों के सम्बंध में…

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उत्तराखण्ड के सबसे खूबसूरत व्यू प्वाइंट चंडाक से विहंगम हिमालय

सोर घाटी की एक अलग ही बात है. सूरज की पहली किरण से लेकर आखिरी किरण पड़ने तक आपको न…

4 years ago

कम शातिराना नहीं था हल्द्वानी की राजनीति में छोटेधोती-बड़ीधोती का खेल

बात स्वराज आश्रम से चल कर आजादी के दीवानों की हो रही थी. इसी क्रम में वर्तमान राजनीति पर चर्चा…

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पहाड़ी लाल कद्दू की ज़ायकेदार चटनी

सर्दियों का मौसम आते ही आप पहाड़ के किसी गांव की ओर चले जायें, आपको छत पर तथा दन्यारों पर…

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कुमाऊं में आजादी के सभी केन्द्रों की धुरी था हल्द्वानी का स्वराज आश्रम

आजादी के बाद और कुछ हुआ हो या न हो पर जिन्हें कोई नहीं जानता था वह ऊंची सीढ़ियां चढ़…

4 years ago