कॉलम

चुड़कानी, कढ़ाही और बारिश

जब कभी कोई डॉक्टर मेरे खून की जांच करता है,तो उसमें निर्बाध प्रवाह, कुछ भांग, जखिया, गंद्रायणी जैसी खुशबू पाता…

4 years ago

ईजा के मरने का इंतजार…

ईजा कल मरेगी या परसों इसी उधेड़बुन में रात का दूसरा पहर भी बीत गया. करीब दस साल बाद आज…

4 years ago

कटकी के बिना अधूरी है पहाड़ी चाय

https://www.youtube.com/embed/8hOF8fULL-8 महानगरों से आने वाली अधिकतर बस पहाड़ी इलाकों में तड़के सुबह ही प्रवेश करती है. सुबह की ताज़ी हवा…

4 years ago

कई-कई बच्चे पैदा कर चुकी असंख्य महिलाएं भी सेक्स के सुख से अंजान हैं

4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – बत्तीसवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक:  बच्चे से बढ़कर और उससे पहले भला…

4 years ago

स्माल इज ब्यूटी फुल : जैविक उत्पादन की ओर उत्तराखंड

शुमाखर की  बहुचर्चित किताब है, "स्माल इस ब्यूटीफुल." भारत जैसे विविधता भरे खेती -किसानी के माहौल के लिए इस किताब…

4 years ago

बारहवीं में दसवीं के बच्चों को ट्यूशन पढ़ा यूं कमाए मैंने पैसे

पहाड़ और मेरा जीवन-  56 मैं विद्यार्थी जीवन के दौरान और बाद में भी कई बार पैसों को लेकर थोड़ी…

4 years ago

सबको शिक्षा के समान अवसर मिलने चाहिए

जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय जिसे हम जेएनयू के नाम से जानते हैं. इस यूनिवर्सिटी को कुछ लोगों ने जान-बूझकर देशद्रोहियों का…

4 years ago

धारचूला में पहले टेलीफोन की पचास साल पुरानी याद

धारचूला में टेलीफोन का पदार्पण 1961 में तहसील बनने के बाद ही हुआ होगा क्योंकि उससे पहले उसके आने की…

4 years ago

कुमाऊं के रस-भात उर्फ ठठ्वाणी-भात के आगे क्या बिसात है देवलोक के अमृत की

जाड़ों में पहाड़ों की रसोई में एक स्पेशल परोसे जाने का रिवाज है. इस थाली में बड़ी, भांग की चटनी,…

4 years ago

वो पहाड़ी लड़का अब वापस लौटना चाहता है

सभी बंधनों को दरकिनार कर दिल्ली में रह रहा वो पहाड़ी लड़का अब अपने गांव वापस लौट जाना चाहता है.…

5 years ago