कला साहित्य

शैलेश मटियानी लिख चुके थे अपने पागलपन का रोजनामचा

शैलेश मटियानी को हममें से कितने लोग जानते हैं? सौ, दो सौ, चार सौ या हजार-दो हजार. यही न? कुछ ने…

5 years ago

रह गई है अभी कहने से सबसे ज़रूरी बात

कुछ कद्दू चमकाए मैंनेकुछ रास्तों को गुलज़ार कियाकुछ कविता-टविता लिख दीं तोहफ़्ते भर ख़ुद को प्यार किया अब हुई रात…

5 years ago

कितना आसान है हत्या को आत्महत्या कहना

किसान और आत्महत्या -हरीश चन्द्र पाण्डे उन्हें धर्मगुरुओं ने बताया था प्रवचनों मेंआत्महत्या करने वाला सीधे नर्क जाता हैतब भी…

5 years ago

कैसैं कै दें मिल गई है आजादी

आज सबेरैं भज कै आई दरवज्जे पै टुइयाँपटिया बैठी अम्मा बोलींकितैं गई थी गुइयाँ? बोली टुइयाँ गई सकूल मेंहोती बितैं मुनादीलड़ुआ…

5 years ago

आज रॉबर्ट डी नीरो का जन्मदिन है

विश्व सिनेमा के महानतम अभिनेताओं में से एक रॉबर्ट डी नीरो का जन्म आज ही के दिन यानी 17 अगस्त…

5 years ago

नफरत की ऑंधी है, फोटू में गॉंधी है और बाजार ही बाजार है

प्यार करते हैं नवीन सागर लालच और नफरत की ऑंधी हैफोटू में गॉंधी हैऔर बाजार ही बाजार है. ऐसे में…

5 years ago

असल झण्डा छूने तक को न मिला – वीरेन डंगवाल की कविता ‘पन्द्रह अगस्त’

पन्द्रह अगस्त - वीरेन डंगवाल सुबह नींद खुलती तो कलेजा मुंह के भीतर फड़क रहा होता ख़ुशी के मारे स्कूल भागता झंडा खुलता ठीक…

5 years ago

दरियागंज का ऐतिहासिक किताब बाजार बंद

दिल्ली में किताबों के क़रीब जाने का सबसे अच्छा तरीक़ा होता था दरियागंज के फुटपाथ में रविवार को लगने वाला…

5 years ago

कभी-कभी बताती है बच्चा पैदा करना कोई हँसी-खेल नहीं

हर कवि की एक मूल संवेदना होती है जिसके इर्द-गिर्द उसके तमाम अनुभव सक्रिय रहते हैं. इस तरह देखें तो…

5 years ago

बिटिया कैसे साध लेती है इन आँसुओं को तू

कहने को तो वीरेन डंगवाल हिंदी के एम.ए.पीएच.डी और लोकप्रिय, बढ़िया प्राध्यापक थे, एक बड़े दैनिक के सम्पादक भी रहे,…

5 years ago