कला साहित्य

जागो प्यारे : अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

उठो लाल अब आँखे खोलोपानी लाई हूँ मुँह धो लो (Jago Pyare) बीती रात कमल दल फूलेउनके ऊपर भंवरे झूले…

3 years ago

‘बिद्दू अंकल’ शैलेश मटियानी की प्रतिनिधि कहानी

लोग हमें गाँव में भी 'बिद्दू' ही पुकारते थे, दिल्ली शहर तो दिल्ली ही हुआ. यहाँ गाँव भनौरा, तहसील पट्टी,…

3 years ago

लोककथा : तपस्या का फल

विरेन आज घर से बाजार के लिये यह कहकर निकला था कि वह पूरा सामान खरीद कर लायेगा. एक दुकान…

3 years ago

लोककथा : जिद्दी औरत

एक गांव में एक औरत रहती थी. वह एक विरोधी स्वभाव व बहुत ईर्ष्यालु प्रवृत्ति की थी. कोई उसे कुछ…

3 years ago

लोककथा : मकड़ी के जाल पर मछलियां

एक गांव में एक परिवार रहता था जिसमें परिवार के नाम पर दो ही सदस्य थे, पति और पत्नी. पति…

3 years ago

कहानी : हार की जीत

-सुदर्शन माँ को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती…

3 years ago

अर्जन्या: पहाड़ के लोक से जुड़ी कहानी

यकायक मुझे सब कुछ रहस्यमय लगने लगा. घर-आंगन. पेड़-पौधे. लोग. यहां तक कि अपने इजा (मां) और बौज्यू (पिता) भी.…

3 years ago

देवता भी चले गए लेकिन गुरु ने गांव नहीं छोड़ा

आज रेवती का श्राद्ध है. हीरा गुरु दरवाजे पर बैठकर पूरन और भास्कर दत्त जी का इंतजार करते हुए बहुत…

3 years ago

प्रतीक्षा: अपने पति की ख़ोज में दिल्ली आई ‘भागुली काकी’ की कहानी

उम्मीद-भरी प्रतीक्षा के बाद निराशा की जो अथाह थकान होती है, उसी को लेकर टूटी डाल की मानिंद-थकी-माँदी काकी लौट…

3 years ago

सच्चा उपहार

-ओ हेनरी एक डालर और सत्तासी सेंट. बस ! इनमें से भी साठ सेंट के पैनी. पैनी, जो कभी धोबी,…

3 years ago