कला साहित्य

सत्यजित रे की कहानी : सहपाठी

अभी सुबह के सवा नौ बजे हैं. (Story of Satyajit Ray) मोहित सरकार ने गले में टाई का फंदा डाला…

3 years ago

अन्तोन चेख़व की कहानी : वान्का

नौ वर्ष का वान्का झूकोव, जिसे तीन महीने पहले अल्याखिन मोची के यहाँ काम सीखने भेजा गया था, बड़े दिन…

3 years ago

‘कथा कहो यायावर’ देवेन्द्र मेवाड़ी की नई किताब

यह मन ही तो है, जो नन्हे बीजों को उगते, फूलों को खिलते, तितलियों को उड़ते, नदियों को बहते, झरनों…

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कहानी : मिसेज ग्रीनवुड

अल्मोड़ा के उत्तर की ओर सिंतोला वन पड़ता है. बाँज, देवदार, चीड़ और काफल के घने गाछों से घिरे सिंतोला…

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स्त्रियों के लिये वर्जित नंदादेवी राजजात की पहली महिला यात्री ‘गीता गैरोला’ के यात्रा वृतांत: ये मन बंजारा रे

पहाड़ों की तेज ठंडी ताकतवर हवा, मुझे मेरे पिट्ठू के साथ सर्पीली पगडंडियों पर सहलाती हुई मेरी थकान उतार देती…

3 years ago

माफ़ करना हे पिता

सभी के होते हैं, मेरे भी एक (ही) पिता थे. शिक्षक दिवस सन् २००१ तक मौजूद रहे. उन्होंने ७१-७२ वर्ष…

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ईजा

आज उसके मन में जाने कैसी उथल पुथल मची है. सारी रात करवटें बदलते हुए ही गुजरी और न जाने…

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शैलेश मटियानी की कहानी : उसने तो नहीं कहा था

राइफल की बुलेट आड़ के लिए रखी हुई शिला पर से फिसलती हुई जसवंतसिंह के बाएँ कंधे में धँसी थी,…

3 years ago

आम बहुत ख़ास है.

आम फलों का राजा है. ना ! ये राजा नहीं चक्रवर्ती सम्राट है फलों का. दुनिया में ज़्यादातर देशों में…

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लोककथा : पैसा सबकुछ कर सकता है

एक बार एक बहुत रईस शहजादे ने राजा के महल के ठीक सामने उससे भी शानदार एक महल बनवाने का…

3 years ago