एक बार एक बहुत रईस शहजादे ने राजा के महल के ठीक सामने उससे भी शानदार एक महल बनवाने का…
घास-पात से निबटकर गोमती भैंस हथियाने गोठ गई हुई थी. असाढ़-ब्याही भैंस थी. कार्तिक तक तो ठीक चलती रही, मगर…
केवल पांडे आधी नदी पार कर चुके थे. घाट के ऊपर के पाट में अब, उतरते चातुर्मासा में सिर्फ घुटनों…
एक कस्बा था जहाँ सारी चीजों की मनाही थी. (Story Bagawat Ki Wajah) अब चूँकि सिर्फ गुल्ली-डंडा का खेल ही…
एक अंतरंग गोष्ठी सी हो रही थी युवा असंतोष पर. इलाहाबाद के लक्ष्मीकांत वर्मा ने बताया - पिछली दीपावली पर…
मेरे मित्र की कार बँगले में घुसी तो उतरते हुए मैंने पूछा, 'इनके यहाँ कुत्ता तो नहीं है?' मित्र ने…
बसंत ऋतु की बारिश चीजों को भिगोने के लिए काफी नहीं थी. झीसी इतनी हलकी थी कि बस त्वचा थोड़ा…
-ओ हेनरी वाशिंगटन चौक के पश्चिम की ओर एक छोटा-सा मुहल्ला है जिसमें टेढ़ी-मेढ़ी गलियों के जाल में कई बस्तियां…
-ओ. हेनरी जीवन के सुख-दुख का प्रतिबिंब मनुष्य के मुखड़े पर सदैव तैरता रहता है, लेकिन उसे ढूँढ़ निकालने की…
हमारे यहां गांव बहुत छोटे-छोटे हैं. कहीं-कहीं तो बहुत ही छोटे, दस-बीस घर से लेकर पांच-छह घर तक और बहुत…