अल्मोड़ा जिले के गांव पनुवाद्यौखन, भिकियासैंण में रहने वाले दलित युवक से भिकियासैंण के ही गांव वेल्टी की रहने वाली सवर्ण युवती को प्यार हो गया. युवती गीता उर्फ गुड्डी अपने सौतेले पिता जोगा सिंह और भाई गोविन्द सिंह से पहले ही प्रताड़ित थी. गीता के पिता और माता के बीच उसके बचपन में ही अलगाव हो गया था और जब वह आठवीं में पढ़ती थी तभी उसकी माँ ने जोगा सिंह के साथ रहना शुरू कर दिया. जहां गीता की पढाई-लिखाई छुड़ाकर उसे घर-बन के कामों में झोंक दिया गया. सौतेले पिता और भाई द्वारा बात-बेबात पीटा भी जाता था. (Dalit Murder Almora)
एक साल पहले युवती की जगदीश चन्द्र के साथ मुलाकात हुई जो जल्दी ही दोस्ती के बाद प्यार में बदल गयी. गीता ने अपनी माँ से जगदीश की मुलाकात करवाई और उन्होंने दोनों को विवाह कर घर बसाने का आशीर्वाद दे दिया. 26 मई 2022 को गीता जगदीश के साथ अल्मोड़ा आ गयी. गीता के पास शादी करने के लिए बालिग करार देने के वास्ते प्रमाण पत्र नहीं थे, इसलिए वह दस्तावेज जुटाने में लग गयी.
इसी दौरान 17 जून 2022 को गीता के सौतेले भाई और पिता ने उसे अल्मोड़ा में ढूँढ़ लिया और जबरन अपने साथ वापस ले गए. घर में मारपीट का सिलसिला पुनः शुरू हो गया और जगदीश के साथ विवाह करने का अंजाम प्राण देकर चुकाने की धमकी देने लगे.
लगातार मारपीट और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर गीता 7 अगस्त 2022 की आधी रात घर से भागकर भिकियासैण में जगदीश के पास पहुंच गयी. दोनों बालिगों ने 21 अगस्त को डाना गैराड़ मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों के साथ शादी कर ली. इसके बाद वे दोनों शादी के कोर्ट में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में लग गए.
सौतेले पिता और भाई की जान से मारने की धमकियों के सम्बन्ध में 27 अगस्त 2022 को गीता ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अल्मोड़ा को शिकायती पत्र उचित कार्रवाई के लिए दिया.
कल युवती के सौतेले भाई और बाप ने योजना बनाकर जगदीश चन्द्र को भिकियासैण बाजार में पकड़ लिया और अपहरण कर गाड़ी में ले गए. तत्काल इसकी सूचना जिलाधिकारी और एसडीएम को दी गयी. पुलिस हरकत में आई तो एक गाड़ी से जगदीश चन्द्र का शव बरामद हुआ, गाड़ी में गीता के सौतेले पिता व भाई भी बैठे हुए थे. इससे पहले कल सुबह ये लोग जगदीश की तलाश में अधिवक्ता नारायण राम के घर उसे और उसकी पत्नी गीता की तलाश में पहुंचे जिसकी रपट कोतवाली में दर्ज करवा दी गयी थी. गौरतलब है कि युवक सामाजिक रूप से सक्रिय था और पिछली 2 दफा विधायक का चुनाव भी लड़ चुका था.
हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
उत्तराखंड में पिछले कुछ वर्षों में हुई जातीय उत्पीड़न की कुछ घटनायें इस तरह हैं-
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शर्मनाक घटना
निंदनीय । पीड़ित लड़की और मृत लड़के के परिवार को न्याय मिलना चाहिए ।