Featured

अल्मोड़ा में ब्राईट एंड कॉर्नर का बोर्ड चोरी

अल्मोड़ा का सनसेट पॉइंट माना जाता है ब्राईट एंड कॉर्नर. अल्मोड़ा-हलद्वानी मार्ग पर अल्मोड़ा की सरदहद पर पड़ने वाले आख़िरी मोड़ पर स्थित यह सुन्दर स्थान बहुत लम्बे समय से पर्यटकों का प्रिय रहा है. यहाँ पर खड़े होकर सूर्यास्त को देखना अपने आप में बहुत शानदार और न भूलने वाला अनुभव होता है. (Bright End Corner Board Stolen in Almora)

इसी स्थान पर रामकृष्ण मिशन का केंद्र भी बना हुआ है. मालूम हो कि स्वामी विवेकानंद का कुमाऊं और ख़ास तौर पर अल्मोड़ा से बहुत लगाव था. उन्होंने कई बार यहाँ की यात्राएं कीं और लम्बे समय तक यहाँ रहे भी. माना जाता है कि यहाँ से बीसेक किलोमाटर दूर स्थित काकड़ीघाट नामका स्थल में उन्हें अंतर्ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. अल्मोड़ा नगर से उनका सम्बन्ध जगत विख्यात है. (Bright End Corner Board Stolen in Almora)

स्वामी विवेकानंद की अनेक गतिविधियों का केंद्र रहा है ब्राईट एंड कॉर्नर.

ऐतिहासिक बोर्ड जो चोरी हो गया

स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस के कारण इस स्थान की बहुत बड़ी महत्ता रही है और अल्मोड़ा आने वाले पर्यटकों विशेषतः बंगाली पर्यटकों में यहाँ आने का अपना आकर्षण रहा है.

इसके अलावा ब्राईट एंड कॉर्नर का एक आकर्षण यहाँ स्थित मिर्ज़ा साहब का पुराना रेस्तरां है जहां की चाय, काफी और बर्गर स्थानीय लोगों में बहुत लोकप्रिय हैं और दिन भर यहाँ आने वालों का तांता लगा रहता है.

कल रात इस जगह का एक लैंडमार्क माना जाना वाला बोर्ड चोरी हो गया.  मालूम हो कि इस बोर्ड के नीचे खड़े होकर अपनी फोटो खिंचवाने का लोगों में क्रेज रहता था.

एक पुराने पेड़ पर लगा यह बोर्ड देखते ही अल्मोड़ा आने वाले को पता चल जाता था कि उसकी मंजिल आ पहुँची है. हमारी साथी और ब्राईट एंड कॉर्नर के पास रहने वाले भारत साह ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर आज इस बोर्ड के चोरी हो जाने की खबर लगाई है. उन्होंने लिखा है:

“दुखद: ब्राईट एंड कॉर्नर का बोर्ड चोरी.
अल्मोड़ा का वह स्थान जहां लोग खड़े होकर फोटो खींचाते थे आज फिर शर्मसार हुआ है. पर्यटन स्थल की पहचान मिट रही है.”

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

16 hours ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

17 hours ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

6 days ago

साधो ! देखो ये जग बौराना

पिछली कड़ी : उसके इशारे मुझको यहां ले आये मोहन निवास में अपने कागजातों के…

1 week ago

कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा

सकीना की बुख़ार से जलती हुई पलकों पर एक आंसू चू पड़ा. (Kafan Chor Hindi Story…

1 week ago

कहानी : फर्क

राकेश ने बस स्टेशन पहुँच कर टिकट काउंटर से टिकट लिया, हालाँकि टिकट लेने में…

1 week ago