उचाणा को मेरो मैर, कनो पड़े गंगाळ! बग्द-बग्द मैर गए देवप्रयाग बेड़, हेरी हेरी दिदा ऐग्यूं रीति घर! हे शोभनू…
बरेली व रामपुर रोड के बीच में स्थित है हल्द्वानी की बड़ी मंडी. जिसका नाम लेते ही आमतौर पर थोक…
सर्दियाँ शुरू होते ही कॉर्बेट पार्क, रामनगर व इसके आसपास प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है. उच्च हिमालयी…
पहाड़ की चोटी पर बसे अपने गांव में शीत ऋतु से सामना बचपन में ही हो चुका था. सर्दियां शुरू…
आज दोपहर के समय हल्द्वानी के मुख्य बाजार में मौजूद सिंधी चौराहे के पास एक व्यापारी की गोली मारकर हत्या…
पचास के दशक के अन्त में जब होश संभाली, तो घर में किसी सदस्य के गम्भीर बीमार पड़ने पर डॉ.…
बर्फीली याद, गाँव की बड़े दिनों बाद, गाँव गया था. देखना था कि गाँव की मिट्टी की तासीर कुछ बदली…
स्वप्न सा बिनसर! बिनसर हर मौसम में अपने अलग ही रूप और मिजाज में नज़र आता है, बर्फबारी के बाद…
झलतोला एक एकांत जगह है. तहसील गंगलीहाट का यह गाँव, किसी ज़माने में अपने पडोसी चौकोडी की तरह एक चाय…
कल पूरे कुमाऊँ-गढ़वाल में हुई शानदार बर्फबारी की फोटो लगातार हम तक पहुँच रही हैं. अभी देखिये कृष्ण चन्द्र पलड़िया…