नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक में एक गाँव पड़ता है नाम है नाई. नाई गांव में अभी कुछ साल पहले…
सोचने से सब हो सकता है. कुछ भी. अगर हम पूरे विश्वास और भक्ति के साथ सड़क पर पड़े किसी…
ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी किताब ‘हिमालयन फोकलोर’ में कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं…
कल कमाल हो गया. हम लिखते और देखते ही रह गए और हमारा मित्र अमर हो गया. कल आलोचक जी…
दारमा घाटी की ख़ूबसूरती की व्याख्या शब्दों में कर पाना बहुत कठिन है. इन तस्वीरों को देखकर आप महसूस कर…
आमा के हाथ का जादू सिर्फ खाने के जायके तक सीमित नहीं था. उसके हाथों ने गॉंव के उन तमाम…
कहते हैं काली नदी के किनारे के घने जंगल में एक आलसी सियार और उसका परिवार रहता था. जंगल की…
उनकी गृहस्थी सुन्दर थी. फूफा बुआ को स्कूटर पर घुमाते थे. हर इतवार या छुट्टी के दिन वे दोनों किसी…
मेरे एक दोस्त कहते थे महिलाएँ सब एक सी होती हैं. उनका संदर्भ शायद शेक्सपियर के औरत तेरा दूसरा नाम…
‘‘आज तक राजा ने हमको पढ़ने-लिखने का अवसर नहीं दिया जिससे हम बायां अंगूठा लगाने को मजबूऱ हैं, लेकिन अब…