हिंदी की एक बहुत प्रचलित कहावत है – बिना मरे स्वर्ग नहीं मिलता. इस बात की सत्यता को लेकर संदेह…
रतखाल की दुकानों से लौटे हरकराम गुमसुम से बैठे हैं. वहाँ से आते वक्त ही पैर टूटने लगे थे. दो…
“जो घाव लगे और जाने गयीं वे प्रतिरोध की राजनीति की कीमत थी”,1996 में इलाहबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रवि…
हम उन्हें ताऊजी कहते थे परंतु हमारी इजा की दीदी के श्रीमान होने के नाते दिल्ली की देसी भाषा में…
इतिहास के पुराने पन्नों में गंगा के मैदानों से हिमालय की गगनचुम्बी उपत्यकाओं की ओर अपने पशुओं के साथ बढ़ती…
कल पत्थरों के महान पारखी और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के पद्मभूषण से सम्मानित भूगर्भ विज्ञानी डा. खड्ग सिंह वल्दिया साढ़े त्रिरासी…
आज ही के दिन हिमालय पुत्र प्रो. खड्ग सिंह वल्दिया का जन्म बर्मा के कलौ नगर में हुआ था और…
हमारे जीवन में कैसी स्थितियां हैं, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, पर उनके प्रति हमारे नजरिए से बहुत ज्यादा फर्क…
कई बार भूत बेईमान निकल आता था. पता-ठिकाना पूछने पर गलत-सलत एड्रेस बताने लगता. इधर-उधर की बातें करके चकमा देता.…
एक छोटा बालक था. उसकी दादी उसे रोज एक रोटी उसके ज्योज्याग (कमरबन्द) में बांधकर उसे भेड़ चराने भेजती थी.…