लोक देवता लोहाखाम लोक देवता लोहाखाम

लोक देवता लोहाखाम

1 month ago

आइए, मेरे गांव के लोक देवता लोहाखाम के पर्व में चलते हैं. यह पूजा-पर्व ग्यारह-बारह साल में मनाया जाता है.…

बसंत में ‘तीन’ पर एक दृष्टिबसंत में ‘तीन’ पर एक दृष्टि

बसंत में ‘तीन’ पर एक दृष्टि

2 months ago

अमित श्रीवास्तव के हाल ही में आए उपन्यास 'तीन' को पढ़ते हुए आप अतीत का स्मरण ही नहीं करते वरन्…

अलविदा घन्ना भाईअलविदा घन्ना भाई

अलविदा घन्ना भाई

2 months ago

उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद जी ’घन्ना भाई’ हमारे बीच नहीं रहे. देहरादून स्थित एक अस्पताल में आज दोपहर…

तख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानीतख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी

तख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी

2 months ago

सुबह का आसमान बादलों से ढका है, आम दिनों से काफ़ी कम आमदोरफ़्त है सड़क पर. दूर नज़र आती छोटा…

जीवन और मृत्यु के बीच की अनिश्चितता को गीत गा कर जीत जाने वाले जीवट को सलामजीवन और मृत्यु के बीच की अनिश्चितता को गीत गा कर जीत जाने वाले जीवट को सलाम

जीवन और मृत्यु के बीच की अनिश्चितता को गीत गा कर जीत जाने वाले जीवट को सलाम

2 months ago

मेरे नगपति मेरे विशाल... रामधारी सिंह दिनकर की यह कविता सभी ने पढ़ी होगी. इसके शब्दों, भाव में भी बहे…

अर्थ तंत्र -विषमताओं से परिपक्वता के रास्तों परअर्थ तंत्र -विषमताओं से परिपक्वता के रास्तों पर

अर्थ तंत्र -विषमताओं से परिपक्वता के रास्तों पर

2 months ago

भारत की अर्थव्यवस्था विषमताओं के अनेक दुश्चक्रोँ का सामना कर रही है. विकसित देश अपरंपरागत आर्थिक नीतियों से आतंकित कर…

कुमाऊँ के टाइगर : बलवन्त सिंह चुफालकुमाऊँ के टाइगर : बलवन्त सिंह चुफाल

कुमाऊँ के टाइगर : बलवन्त सिंह चुफाल

2 months ago

पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के संस्थापक अध्यक्ष रहे बलवन्त सिंह चुफाल हल्द्वानी वह भाबर के क्षेत्र में पर्वतीय समाज के…

चेरी ब्लॉसम और वसंतचेरी ब्लॉसम और वसंत

चेरी ब्लॉसम और वसंत

2 months ago

यहाँ धूप नहीं आती बस छाया है खिड़की के कोने से जो रोशनी आती है उस रोशनी में धूल के…

वैश्वीकरण के युग में अस्तित्व खोते पश्चिमी रामगंगा घाटी के परम्परागत आभूषणवैश्वीकरण के युग में अस्तित्व खोते पश्चिमी रामगंगा घाटी के परम्परागत आभूषण

वैश्वीकरण के युग में अस्तित्व खोते पश्चिमी रामगंगा घाटी के परम्परागत आभूषण

2 months ago

रामगंगा घाटी की स्थानीय बोली में आभूषणों को ‘हतकान’ कहा जाता है, इससे ज्ञात होता है कि प्राचीन समय में…

ऐपण बनाकर लोक संस्कृति को जीवित कियाऐपण बनाकर लोक संस्कृति को जीवित किया

ऐपण बनाकर लोक संस्कृति को जीवित किया

2 months ago

छोटी मुखानी में हुई ऐपण प्रतियोगिता पर्वतीय लोक संस्कृति ऐपण कला को संरक्षित व उसको बढ़ाने के उद्देश्य से छोटी…