लोक संस्कृति के आधार स्तंभ थे शिवचरण पांडे

3 years ago

बीते मंगलवार उत्तराखंड लोक संस्कृति के आधार स्तंभ शिवचरण पांडे का लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया. शिवचरण पांडे…

लोक कथा : मनमंजरी और सियार

3 years ago

किसी जंगल में एक बकरा और बकरी साथ रहा करते थे. बकरी का नाम था मनमंजरी. दोनों बहुत दुखी थे,…

लोक कथा : माँ की ममता

3 years ago

प्यार से गोपू पुकारा जाने वाला गोपाल बहुत मिन्नतों के बाद पैदा हुई अपने माता-पिता की इकलौती संतान था. माता-पिता…

रंग-भरी एकादशी के साथ असल पहाड़ियों की होली शुरू

3 years ago

पहाड़ों में असल होली की शुरुआत एकादशी से ही होती है. दशमी और एकादशी के जोड़ के दिन गांव-गांव में…

लोककथा : भाई भूखा था, मैं सोती रही

3 years ago

चैत्र का महीना शुरू हो गया था. सभी ब्याहताओं की तरह वह भी अपने भाई का रस्ता देखने लगी. भाई…

कल है फूलदेई

3 years ago

प्रकृति की गोद में पलने और बढ़ने वाले पहाड़ियों का पर्व फूलदेई है कल. पहाड़ियों का जीवन में प्रकृति का…

ढलान : नवीन कुमार नैथानी की कहानी

3 years ago

नदी तक पहुँचने की हड़बड़ाहट में उन्होंने गलत पगडंडी पकड़ ली. यह संकरा रास्ता था और ढलान तेज थी. वे…

लोक कथा : दिन दीदी रुको-रुको, अभी रुक जाओ

3 years ago

जाने कैसा भाग बदा था उस बहू का जो ऐसी दुष्ट सास मिली. बहू जितनी सीधी-सादी, निश्छल व सरल स्वभाव…

लोककथा : इजा! बस तीन पतली-सी रोटियाँ

3 years ago

बहुत पुरानी बात है. उस पहाड़ी गाँव में एक लड़की रहती थी. माँ के अलावा उसका इस दुनिया में कोई…

मुख्यमंत्री के तीनों चेहरों को नकारा जनता ने

3 years ago

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग पूरे आ गये हैं. विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा सरकार बनाने जा…