कालाधन वापस लाने से लेकर, कई महत्वाकांक्षी दावों के साथ की गई नोटबंदी के तकरीबन दो साल बाद भारत के रिजर्व बैंक ने 2017-18 की अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि 500 और 1000 की ख़ारिज की गई करेंसी के तकरीबन सारे नोट आरबीआई के पास वापस जमा कर दिए गए हैं. बैंक का कहना है कि नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रूपये के नोटों की शक्ल में, 15.3 खरब रूपया लोगों ने बैंकों में जमा करवा दिया. जो कि 15.4 खरब रूपयों की कीमत के कुल बंद कराए गए नोटों का 99.3 % है.
सरकार का मानना था कि नोटबंदी के बाद तकरीबन 5 खरब रूपये वापस सिस्टम में नहीं आएंगे, जिसे वह काला धन मान लेगी। इसे उसने ‘कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक’ बताया था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और तकरीबन सारा पैसा 99.3 % सिस्टम में वापस आ गया.
काफी विवादित रही नोटबंदी को जहां एक ओर सरकार अपनी उपलब्धि बताती रही है वहीं कई विपक्षी दल और अर्थशास्त्री इसे एक ग़लत फ़ैसला मानते हैं. खुद आरबीआई के पूर्व गवर्नर, ने इस फ़ैसले को अदूरदर्शी करार दिया था और पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने इससे जीडीपी में 2 प्रतिशत के अनुमान की घोषणा की थी जो कि सही साबित हुई.
500 और 1000 के नोटों की बंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 2000 और 500 के साथ ही 200, 100 और 50 रूपये के नए नोट जारी किए थे.
काफल ट्री डेस्क
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बहुत बढ़िया चल रहा है काफल कारवाँ,समसामयिक से लेकर ऐतिहासिक लेख मन को आह्लादित कर रहे हैं।