मंगलवार की सुबह उत्तराखंड के लिये अमंगल खबर लाई. बीते सोमवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गये. कीर्ति नगर ब्लॉक थाती डागर निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी, रुद्रप्रयाग निवासी नायब सूबेदार आनंद सिंह, लैंसडाउन निवासी हवलदार कमल सिंह, टिहरी गढ़वाल निवासी नायक विनोद सिंह भंडारी और रिखणीखाल निवासी राइफलमैन अनुज नेगी वह पांच जवान हैं जिन्होंने देश के लिये अपनी जान न्योछावर कर दी. शहीद जवानों वानों के पार्थिव शरीर आज दोपहर दो बजे तक देहरादून एयरपोर्ट पर लाए जाएंगे.
(5 Soldiers Martyred Uttarakhand)
रिखणीखाल के गांव डोबरिया निवासी अनुज नेगी के परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी व छोटी बहन हैं। बीते वर्ष नवंबर माह में अनुज का विवाह हुआ था. 26 वर्षीय आदर्श नेगी टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के थाती डागर गांव के रहने वाले थे उनके पिता दलबीर सिंह गांव में ही खेतीबाड़ी का काम करते हैं. आदर्श तीन भाई बहन में सबसे छोटे थे. नौदानू गांव के निवासी हवलदार कमल सिंह की पत्नी व दोनों बच्चे कोटद्वार के पदमपुर में किराए के कमरे में रहते हैं.
(5 Soldiers Martyred Uttarakhand)
नई टिहरी के जाखणीधार ब्लाक के चौंड जसपूर के विनोद भंडारी गढ़वाल राइफल में तैनात थे. उनका परिवार पिछले तीन वर्षों से डोईवाला के अठुरवाला में रह रहा है. उनके परिवार में उनकी माता, पत्नी के साथ एक चार वर्षीय बेटा और तीन माह की बेटी हैं. रुद्रप्रयाग जिले के कांडाखाल निवासी आनंद सिंह की उम्र 41 वर्ष थी. सेना में नायब सुबेदार के पद पर का परिवार देहरादून में रहता है.
घटना को लेकर अधिकारियों ने बताया कि यह घटना कठुआ शहर से 150 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार में बदनोता गांव के पास तब घटी जब माचेडी-किंडली-मल्हार मार्ग पर सेना का वाहन गश्त कर रहा था. बीते 72 घंटों में ये तीसरी आतंकी वारदात है, जिसमें सेना के आठ जवान शहीद हो चुके हैं. सेना पर हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित पाकिस्तानी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कश्मीर टाइगर्स ने ली है.
(5 Soldiers Martyred Uttarakhand)
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
मौत हमारे आस-पास मंडरा रही थी. वह किसी को भी दबोच सकती थी. यहां आज…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…