बारिश से संबंधित घटनाओं और बाढ़ से तीन महीने में देश भर में 1,400 लोगों की मौत हुई हैं. उत्तराखंड में भी प्राप्त सूचना अनुसार अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच चार धाम यात्रा मार्ग को बंद कर दिया गया है. उत्तराखंड में करीब 40 हजार से ज्यादा यात्री सड़कों पर ही फंसे हुए हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय आपातकालीन केंद्र ने कहा कि 28 मई से बारिश और बाढ़ से संबंधित कारणों से 1400 लोग मारे गए हैं, 2015 और 2016 में भी 1480 और 1420 लोगों की मौतें हुई थी. इस साल मानसून, केरल बाढ़ में अकेले 488 मौतों के लिए जिम्मेदार है.
उत्तर प्रदेश में 254 दूसरी सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गईं. सोमवार को उत्तर प्रदेश में 10 लोग मारे गए और 13 उत्तराखंड में मारे गए. आंकड़े मंगलवार को केरल में मंदी के कारण 28 मई से डूबने, भूस्खलन, गिरने वाले घरों और बिजली के हमले की वजह से मौतें शामिल हैं. पिछले साल बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण 2,015 लोग मारे गए थे. मार्च में संसद में खुलासा आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में बाढ़ के कारण 500 से ज्यादा मौतें दर्ज की गईं. पश्चिम बंगाल में 210 से ज्यादा मौतें दर्ज की गईं, जबकि कर्नाटक में 170 की मौत हो गई महाराष्ट्र 100 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर हैं.
उत्तराखंड में में जल प्रलय से रामबाड़ा में 11 लोग, देहरादून में 7, उत्तरकाशी में 7 लोगों मारे जा चुके हैं. हालांकि अभी तक प्रदेश भर में भारी आपदा को देखते हुए मृतकों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है. चमोली में 20 गाड़ियां बाढ़ में बह गई है. बिजली और मोबाइल सेवा ठप. बाढ़ के हालात को देखते हुए सेना बुला ली गई है. केदारनाथ के रामबाड़ा में बादल फटने से 50 लोग लापता हो गए है. बद्रीनाथ में 10 हजार, केदारनाथ में 5 हजार, हेमकुंड में 2 हजार, उत्तरकाशी में करीब 18 हजार और घांघरिया में 6 हजार यात्री फंसे हुए हैं. उत्तराखंड में भारी आपदा को देखते हुए एनडीआरएफ की 12 टीमें वहां पहुंच चुकी है. 500 लोगों की ये टीम प्रदेश में आपदा का जायजा लेगी साथ ही राहत कार्यों में भी मदद देगी. रविवार को मसूरी के प्रसिद्ध कम्प्टी फॉल्स से 180 पर्यटकों को खाली कर दिया गया था.
इस साल मार्च में राज्यसभा में जल संसाधन मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के मुताबिक, 1953 और 2017 के बीच, 107487 लोगों ने अपनों को खो दिया है. बाढ़ और भारी बारिश के कारण 365860 करोड़ रुपये की फसलों, घरों और सार्वजनिक उपयोगिताओं की वस्तुवों का नुकसान हुआ है.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…